वैश्विक समस्याओं के निस्तारण में बड़ी भूमिका निभा सकते दक्षिणी देश : रुचिरा काम्बोज
विश्व का दक्षिणी भाग वैश्विक मसलों के निर्णय में भागीदारी निभाकर प्रभावी भूमिका अदा कर सकता है। विश्व की ज्यादातर समस्याएं दक्षिणी भाग के देश पैदा नहीं करते लेकिन उन समस्याओं का प्रभाव उन पर भी पड़ता है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने कही है। विश्व के दक्षिणी भाग में भारत चीन ब्राजील इंडोनेशिया सहित 78 देश आते हैं।इनमें ज्यादातर विकासशील देश हैं।

न्यूयार्क, एएनआइ। विश्व का दक्षिणी भाग वैश्विक मसलों के निर्णय में भागीदारी निभाकर प्रभावी भूमिका अदा कर सकता है। विश्व की ज्यादातर समस्याएं दक्षिणी भाग के देश पैदा नहीं करते लेकिन उन समस्याओं का प्रभाव उन पर भी पड़ता है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने कही है।
विश्व के दक्षिणी भाग में कौन से देश हैं शामिल ?
जनवरी 2023 में नई दिल्ली में आयोजित दक्षिणी भाग के देशों के नेताओं के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि वैश्विक समस्याएं दक्षिण में पैदा नहीं होतीं बल्कि उनका प्रभाव दक्षिणी देशों को झेलना पड़ता है। विश्व के दक्षिणी भाग में भारत, चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया सहित 78 देश आते हैं। इनमें ज्यादातर विकासशील देश हैं।
रुचिरा काम्बोज ने पीएम मोदी की बात दोहराई
मोदी की बात को दोहराते हुए रुचिरा काम्बोज ने कहा, दक्षिण के देश विश्व व्यवस्था बनाने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। ये देश वैश्विक निर्णयों में भी अहम भागीदारी निभा सकते हैं। कहा, विश्व का दक्षिणी भाग तेजी से उभर रहा है। इसके साथ सहयोग को बढ़ावा मिलना चाहिए और विश्व व्यवस्था में उसकी भागीदारी बढ़नी चाहिए। ऐसे में जबकि यूरोप के पुराने विवाद फिर से सिर उठा रहे हैं।
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महामारी के दौर में जिस प्रकार से बहुआयामी सहयोग बढ़ा: काम्बोज
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है, तब समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासों का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। काम्बोज ने कहा, कोविड महामारी के दौर में जिस प्रकार से बहुआयामी सहयोग बढ़ा, उससे स्थितियों को नियंत्रित करने में काफी मदद मिली। पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर भी हमें इसी प्रकार के सहयोग की दरकार है।
समस्याओं के निस्तारण के लिए हमें अपना दायरा बढ़ाने की जरूरत है। दक्षिणी भाग के देशों की विकास की भागीदारी विषय पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, जहां तक दक्षिणी भाग में भारत की भूमिका का प्रश्न है तो हमारा क्षेत्रीय देशों से घनिष्ठ संबंध रहा है। हम सांस्कृतिक और वैचारिक दृष्टि से बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं। जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन में भी भारत ने विकासशील देशों के साथ मिलकर कार्य करने की इच्छा जताई है।
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