मल्लिकार्जुन खरगे के क्षेत्र में RSS के रूट मार्च को मिली इजाजत, इन शर्तों का करना होगा पालन
यादगीर जिला प्रशासन ने गुरमितकल में आरएसएस के रूट मार्च को शर्तों के साथ अनुमति दी है। यह क्षेत्र मल्लिकार्जुन खरगे का गढ़ है। आरएसएस के शताब्दी समारोह के अवसर पर यह मार्च आयोजित किया जा रहा है। प्रशासन ने जुलूस के लिए कई शर्तें रखी हैं, जिनमें संपत्ति को नुकसान न पहुंचाना और शांति बनाए रखना शामिल है। उल्लंघन होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आरएसएस रूट मार्च को मिली इजाजत। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यादगीर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को गुरमितकल शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के रूट मार्च के लिए परमिशन दी है लेकिन इसको लेकर कंडीशन भी रखी है। गुरमितकल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का घरेलू इलाका है। वह यहां से 8 बार विधायक रह चुके हैं।
आरएसएस अपना शताब्दी समारोह मना रहा है और इस मौके पर इस मार्च का आयोजन किया है, जिसकी इजाजत बुधवार को एक सरकारी आदेश के जरिए दी गई, साथ ही रूट और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जांच की गई। आरएसएस के जिला प्रचारक प्रमुख बसप्पा संजनोल रूट मार्च के लिए एक एप्लीकेशन दी थी, जिसके बाद यह आदेश आया है।
इन रास्तों से गुजरेगा रूट मार्च
पुलिस ने जुलूस को सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठावाड़ी, पुलिस स्टेशन रोड, मिलन चौक और सिहिनीरू बावी मार्केट मेन रोड से गुजरने की इजाजत दी है, जिसके बाद यह राम नगर में खत्म होगा। जिला प्रशासन ने परमिशन के साथ 10 शर्तें जोड़ी हैं।
प्रशासन ने सामने रखीं ये शर्तें
- आयोजकों को यह पक्का करने का निर्देश दिया गया है कि पब्लिक या प्राइवेट प्रॉपर्टी को कोई नुकसान न हो और किसी भी नुकसान का पूरा खर्च उन्हें उठाना होगा।
- आरएसएस के वॉलंटियर्स को तय रूट पर सख्ती से चलना होगा और यह पक्का करना होगा कि किसी भी जाति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे न लगाए जाएं।
- शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी एक्टिविटी पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
- जुलूस के दौरान कोई भी सड़क ब्लॉक नहीं की जाएगी, कोई भी दुकान जबरदस्ती बंद नहीं की जाएगी और कोई भी जानलेवा हथियार या बंदूक नहीं ले जाई जाएगी।
- शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए रास्ते में पुलिस की पूरी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन किया गया तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में कर्नाटक के मंत्री और मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखकर सरकारी और सरकारी मदद वाले स्कूलों और पब्लिक जगहों पर आरएसएस की गतिविधियों पर बैन लगाने को कहा था।
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