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    खंडवा जेल से भागे सिमी आतंकियों के निशाने पर थे संघ के दफ्तर

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2016 10:24 PM (IST)

    राजस्थान एटीएस ने भोपाल जेल में सिमी आतंकियों से पूछताछ की तो बेहद सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पता चला कि खंडवा जेल से भागे आतंकियों के निशाने पर दिल्ली और मुजफ्फरनगर स्थित आरएसएस के दफ्तर थे।

    नई दुनिया ब्यूरो, भोपाल : मध्य प्रदेश के खंडवा जेल से फरार सिमी आतंकी अलवर (राजस्थान) में भी एक माह रुके थे। उनकी योजना दिल्ली व मुजफ्फरनगर (उप्र) के आरएसएस दफ्तरों पर हमले की थी। अलवर दिल्ली से महज 100 किलोमीटर दूर है। राजस्थान एटीएस द्वारा भोपाल की जेल में बंद सिमी आतंकियों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ। यहां अमजद, मेहबूब, जाकिर, एजाज और असलम ने फर्जी आइडी पर मकान किराए पर लिया और आठ से दस सिम भी खरीदी थी।

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    एजाज और असलम को ओडिसा में हुए इनकाउंटर में मार गिराया गया जबकि अमजद, मेहबूब और जाकिर व इनसे जुड़ा सलीक अभी जेल में बंद है। राजस्थान एटीएस को आतंकियों के दिल्ली के पास रुके होने की सूचना मिली थी जिसके बाद दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर अलवर में संदिग्ध ठिकानों पर छापे भी मारे गए थे, लेकिन तब तक आतंकी वहां से जा चुके थे।

    ये भी पढ़ें- SIMI के चार आतंकियों ने पूछताछ में किया हैं ये खुलासा

    गए थे रिफ्यूजी कैंप में

    एटीएस सूत्रों के अनुसार सिमी आतंकियों की योजना दिल्ली सहित मुज्जफरनगर में आरएसएस के ठिकानों पर धमाके करने की योजना थी पर दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के बीच उनकी प्लानिंग काम नहीं कर पा रही थी। इधर आतंकियों ने मुज्जफरनगर में सिलसिलेवार धमाकों की योजना बनाई। आतंकी यहां दंगों के बाद स्थापित किए गए रिफ्यूजी कैंप में भी गए थे।

    बिजनौर में बने चौहान और पंडित

    जानकारी के अनुसार पांचों सिमी आतंकियों ने मुज्जफरनगर में धमाकों की जगह चुनने के बाद यूपी के बिजनौर में बम बनाना शुरू करने के लिए दो मकान किराए पर लिए। एक मकान उन्होंने मुस्लिम आइडी से तो दूसरा मकान चौहान और पंडित बनकर लिया। इस दौरान घर में ही विस्फोट होने के चलते उनका प्लान चौपट हो गया और सभी भाग कर ओडिसा पहुंच गए।