'भारत ने विश्व का नेतृत्व किया, लेकिन...', RSS चीफ मोहन भागवत ने दुनिया को दिया ये संदेश
इंदौर में एक कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही व्यापार का दबाव डाला। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा पर लिखी पुस्तक के विमोचन समारोह में भाग लिया। भागवत ने कहा कि भारत ने विश्व का नेतृत्व किया पर किसी देश पर विजय नहीं पाई न ही धर्मांतरण कराया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरसंघचालक मोहन भागत ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया। मोहन भागवत ने कहा कि हमने कभी भी किसी देश पर व्यापार का दबाव नहीं डाला। मोहन भागवत ने कहा कि जहां भी गए वहां पर ज्ञान और सभ्यता ही सिखाई।
दरअसल इंदौर में नर्मदा परिक्रमा पर लिखी प्रह्लाद पटेल की पुस्तक के विमोचन समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि हमने विश्व का नेतृत्व किया। लेकिन किसी भी देश पर विजय प्राप्त नहीं की। हमने किसी को बदला नहीं और ना किसी का धर्मांतरण कराया।
'हमसे सभ्यता और ज्ञान को परोसा'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने अपने भाषण के दौरान गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत जब विश्वगुरू था, तब हजारों वर्शों तक न तो कोई कलह हुई और न ही पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा। उन्होंने कहा उस वक्त तकनीकी प्रगति के साथ-साथ मानव जीवन सुखी और समृद्ध था।
वर्तमान वैश्विक परिवेश को लेकर क्या बोले RSS चीफ?
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने वर्तमान समय में दुनिया के अलग-अलग देशों में चल रहे युद्ध जैसे हालातों को लेकर कहा कि हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया, किसी पर भी व्यापार के लिए दबाव नहीं डाला। जहां भी गए ज्ञान दिया,सभ्यता दी और शास्त्र सिखाए। भारत की यही पहचान रही है।
अमेरिकी टैरिफ पर कही ये बात
इससे पहले शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत पर टैरिफ उसकी वृद्धि के डर के कारण लगाए गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शक्तियां भारत की बढ़ती ताकत को देखकर काफी चिंतित हैं।
नागपुर में ब्रह्मकुमारीज विश्व शांति सरोवर के 7वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मोहन भागवत ने ये बाते कहीं थी। इस दौरान उन्होंने विश्व में भारत की भूमिका और सामूहिक सोच की आवश्यकता पर बात की।
बिना नाम लिए अमेरिका पर बरसे
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि लोगों को डर है कि अगर कोई और बड़ा हो गया तो उनका क्या होगा। अगर भारत बड़ा हो गया तो वे कहां रहेंगे? इसलिए उन्होंने टैरिफ लगा दिया।
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