नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। विजयादशमी के मौके पर नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उदयपुर की घटना का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने गलत बयानबाजी करने वाले लोगों को नसीहत भी दी। भागवत ने कहा कि अभी पिछले दिनों उदयपुर में अत्यंत जघन्य और दिल दहला देने वाली घटना घटी। इस घटना से सारा समाज स्तब्ध रह गया। पूरा समाज दुखी और गुस्से में था। ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों, यह सुनिश्चित करना होगा।
मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों ने भी जताया रोष
भागवत ने कहा कि उदयपुर की घटना के बाद मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों ने भी रोष जताया। अधिकांश मुस्लिम समाज का यह स्वभाव बनना चाहिए। हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसी घटना घटने पर हिंदू पर आरोप लगे तो भी इसका मुखरता से विरोध करता है।
'ना भय देत काहू को ना भय जानत आप'
भागवत ने आगे कहा, 'ना भय देत काहू को ना भय जानत आप' ऐसा हिन्दू समाज खड़ा हो यह समय की आवश्यकता है। यह किसी के विरुद्ध नहीं है। संघ पूरे दृढ़ता के साथ आपसी भाईचारा व शांति के पक्ष में खड़ा है। संघ राष्ट्र विचार का प्रचार-प्रसार करते हुए पूरे समाज को संगठित शक्ति के रूप में खड़ा करने का काम कर रहा है। यही हिंदू समाज के संगठन का काम है।
जनसंख्या असंतुलन पर भी चेताया
भागवत ने अपने संबोधन के दौरान जनसंख्या असंतुलन पर भी चेताया। उन्होंने कहा कि एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नये देश बन गए। जनसंख्या नीति सारी बातों का समग्र व एकात्म विचार करके बने, सभी पर समान रूप से लागू हो।
भागवत ने आगे कहा कि जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है। जन्मदर में असमानता के साथ-साथ लोभ, लालच, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण व देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण है।
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