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    'यह भारत माता के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण', मोहन भागवत ने जारी की संघ की ऑडियो रिकॉर्डिंग

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 05:37 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ की प्रार्थना भारत माता की वंदना और देश के प्रति स्वयंसेवकों का सामूहिक संकल्प है। उन्होंने नागपुर में शंकर महादेवन द्वारा गाई गई संघ प्रार्थना की ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की। भागवत ने कहा कि प्रार्थना मातृभूमि के प्रति भक्ति प्रेम और समर्पण की अभिव्यक्ति है।

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    आरएसएस प्रमुख मोहन भागतवत ने जारी की संघ की प्रार्थना। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संगठन की प्रार्थना भारत माता की वंदना और देश एवं ईश्वर के प्रति स्वयंसेवकों का सामूहिक संकल्प है।

    उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संकल्प प्रत्येक स्वयंसेवक के दृष्टिकोण में होते हैं, लेकिन साझा मिशन और मूल्य संघ की प्रार्थना से ही उत्पन्न होते हैं, जिसका 1940 से स्वयंसेवकों द्वारा प्रतिदिन पाठ किया जाता रहा है। प्रार्थना की भावना संकल्प की शक्ति है और यह मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण की अभिव्यक्ति है।

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    संघ प्रार्थना की ऑडियो रिकॉर्डिंग की जारी 

    नागपुर के रेशिमबाग स्थित महर्षि व्यास सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भागवत ने प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन द्वारा गाई गई संघ प्रार्थना की ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की। अभिनेता सचिन खेडेकर, जाने-माने वॉयस-ओवर आर्टिस्ट व एंकर हरीश भिमानी और संगीतकार राहुल रानाडे भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

    लंदन के स्टूडियो के साथ रिकॉर्ड किया गया गाना

    यह गीत लंदन के एक स्टूडियो में रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकार्ड किया गया था, जिसमें सभी विदेशी संगीतकार थे। महादेवन ने संगीतमय प्रस्तुति में अपनी आवाज दी, जबकि मराठी में खेडेकर ने और हिंदी में भीमानी ने वॉयस-ओवर के रूप में अपना स्वर दिया। आठ अलग-अलग भाषाओं में स्वर दिए गए।

    उल्लेखनीय है कि संघ की मूल प्रार्थना नरहरि नारायण भिड़े द्वारा रचित थी और यह पहली बार 23 अप्रैल, 1940 को पुणे में संघ शिक्षा वर्ग में यादव राव जोशी द्वारा गाई गई थी। प्रार्थना का प्रारंभिक प्रारूप 1939 में पुणे में एक बैठक के दौरान तैयार किया गया था।

    संघ की प्रार्थना को लेकर क्या बोले मोहन भागवत?

    भागवत ने कहा, ''यह प्रार्थना एक भावना है जो स्वयंसेवकों को मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम और समर्पण के सामूहिक संकल्प में मदद करती है। यह प्रार्थना है कि हम देश को क्या दे सकते हैं और फिर ईश्वर से प्रार्थना है कि वह हमें देश की सेवा करने में मदद करें।''

    उन्होंने कहा कि ऑडियो जारी होने के साथ ही यह प्रार्थना ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। संघ प्रमुख ने आशा व्यक्त की कि यह संगीतमय पहल प्रार्थना के गहन अर्थ को व्यापक श्रोताओं तक पहुंचाने में मदद करेगी।

    उन्होंने शब्दों, भावों, अर्थों और धुनों के समन्वय के लिए इस गीत की प्रशंसा की और कहा कि इसका जितना अधिक प्रचार होगा, उतने ही अधिक लोग आरएसएस की ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा, ''संगीत की शक्ति अपार है और यह जन-जन तक पहुंचने का एक प्रभावी माध्यम है।''

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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