PM Kisan Yojana: किसानों को बांटे गए 3.68 लाख करोड़ रुपये, शिवराज सिंह चौहान बोले- 'कृषि मशीनीकरण पर सरकार का जोर'
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि सरकार ने 2019 में लांच की गई महत्वाकांक्षी योजना पीएम-किसान के तहत अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने और छोटे एवं सीमांत किसानों और उन क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बढ़ाने पर है जहां बिजली की उपलब्धता कम है।

पीटीआई, नई दिल्ली। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि सरकार ने 2019 में लांच की गई महत्वाकांक्षी योजना पीएम-किसान के तहत अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले हैं। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने योजना की शुरुआत से अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
चौहान ने यह भी कहा कि सरकार ने भारत में कृषि मशीनरी की स्थिति पर अध्ययन करने का जिम्मा भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान (सीआइएई) को सौंपा है।
कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना सरकार का जोर
उन्होंने कहा कि सरकार का जोर कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने और छोटे एवं सीमांत किसानों और उन क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बढ़ाने पर है जहां बिजली की उपलब्धता कम है।
गौरतलब है कि पीएम-किसान योजना फरवरी, 2019 में शुरू की गई थी। इसके तहत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।
बहरहाल, चौहान ने कहा, ''देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है।''
उन्होंने बताया कि पीएम-किसान योजना शुरू में एक विश्वास-आधारित प्रणाली पर शुरू हुई थी, जहां लाभार्थियों को राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर पंजीकृत किया गया था। शुरुआत में कुछ राज्यों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता में भी ढील दी गई थी।
बाद में इस समस्या से निपटने के लिए पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम), यूआइडीएआइ और आयकर विभाग के साथ एकीकरण सहित कई तकनीकी हस्तक्षेप शुरू किए गए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ केवल पात्र लाभार्थियों को ही जारी किया जाए, भूमि सीडिंग, आधार-आधारित भुगतान और ईकेवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है।
चौहान ने कहा कि जो किसान इन अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं करते थे, उनका लाभ रोक दिया गया। उन्होंने कहा, ''जब ये किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा कर लेंगे तो उन्हें योजना का लाभ और उनकी देय किस्तें, यदि कोई होंगी, तो मिल जाएंगी।''
काश्तकार/पट्टाधारक किसान और राज्य सरकारें : कृषि राज्य मंत्री
रामनाथ ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकारें यह फैसला कर सकती हैं कि काश्तकार और पट्टेधारक किसानों को अपने किसान रजिस्ट्री में शामिल किया जाए या नहीं। डिजिटल कृषि मिशन के तहत राज्य किसान रजिस्ट्री, किसानों को सरकारी लाभों तक पहुंचने के लिए एक विशिष्ट किसान आइडी प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। अपने लिखित उत्तर में ठाकुर ने कहा कि राज्य किसान रजिस्ट्री में महिला किसानों सहित सभी भूमिधारक किसान शामिल हैं। सरकार ने 2,817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है।
भारत-अमेरिका और गैर-टैरिफ बाधाओं पर ध्यान : वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री
जितिन प्रसाद ने एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में बाजार पहुंच बढ़ाने, आयात शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर अब तक पारस्परिक शुल्क लागू नहीं किया गया है। सरकार पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।

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