Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरजी कर अस्पताल में बंद आपरेशन थियेटर की छत गिरी, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 15 Nov 2024 06:35 PM (IST)

    कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एक बड़ी घटना की जानकारी सामने आई है। अस्पताल में स्थित ऑपरेशन थियेटर की छत अचानक गिर गई। इस हादसे में ...और पढ़ें

    Hero Image
    आरजी कर अस्पताल में बंद आपरेशन थियेटर की छत गिरी (फोटो- जागरण)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल परिसर में स्थित ऑपरेशन थियेटर की छत अचानक गिर गई। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को जिस समय यह हादसा हुआ, उस दौरान ऑपरेशन थियेटर बंद था और वहां कोई भी मौजूद नहीं था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किस लापरवाही से हुआ हादसा?

    आरजी कर मेडिकल कालेज में काम करने वाले डाक्टरों के एक समूह ने छत गिरने की घटना को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं से जोड़ा है। उन्होंने दावा किया है कि अस्पताल के बुनियादी ढांचे के रखरखाव में वर्षों से बरती गई लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है।

    संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में बुनियादी ढांचे से जुड़े काम राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की बजाय अपने भरोसे वाली एजेंसियों से कराए। अस्पताल से जुड़े एक जूनियर डाक्टर ने बताया कि जिस आपरेशन थियेटर की छत गिरी, उसकी हालत काफी समय से खराब थी।

    हादसे पर क्या बोले चिकित्सक?

    जूनियर डाक्टर ने बताया कि अस्पताल के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन उनकी ओर से लगातार इसकी अनदेखी की गई। अगर छत गिरने की घटना किसी आपरेशन के दौरान हुई होती तो वहां मौजूद मरीजों, डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जान को खतरा हो सकता था। एक अन्य जूनियर डाक्टर ने कहा कि इस ऑपरेशन थियेटर के अलावा अस्पताल के सर्जरी विभाग में कई अन्य चिकित्सा कक्षों की स्थिति भी काफी खराब है। भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाओं को तब तक खारिज नहीं किया जा सकता है, जब तक इसकी पूरी तरह से मरम्मत और रखरखाव का काम नहीं हो जाता है।

    यह भी पढ़ें: टीएमसी के ही कुछ नेताओं पर भड़के कुणाल घोष, जमकर की आलोचना; कुंभकर्ण तक बताया