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    V Narayanan: रॉकेट साइंटिस्ट वी. नारायणन ने ISRO प्रमुख के रूप में संभाला कामकाज, चंद्रयान-2 और 3 में भी दिया था योगदान

    प्रख्यात रॉकेट विज्ञानी वी. नारायणन इसरो के नए अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए गए हैं। 14 जनवरी को उन्होंने अपना पदभार संभाला। उन्होंने एस. सोमनाथ का स्थान लिया है। उन्होंने चंद्रयान-2 चंद्रयान-3 मिशन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की पढ़ाई की। 1984 में वह रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्सन विशेषज्ञ के रूप में इसरो में शामिल हो गए

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Tue, 14 Jan 2025 10:00 PM (IST)
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    रॉकेट साइंटिस्ट वी. नारायणन ने ISRO प्रमुख के रूप में संभाला कामकाज (फोटो सोर्स- X/isro)

    पीटीआई, बेंगलुरु। प्रख्यात रॉकेट विज्ञानी वी. नारायणन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है। नारायणन ने एस. सोमनाथ का स्थान लिया है। इसरो ने बयान में कहा कि डॉ. वी नारायणन ने 13 जनवरी को अंतरिक्ष विभाग के सचिव, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और इसरो के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।

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    1984 में वह रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्सन विशेषज्ञ के रूप में इसरो में शामिल हो गए। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विभिन्न पदों पर काम करने के बाद 2018 में उन्हें लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर का निदेशक बनाया गया। उन्होंने जीएसएलवी मार्क-3 सी25 क्रॉयोजेनिक प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में भी काम किया है।

    चंद्रयान मिशन में दिया है योगदान

    उन्होंने चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 मिशन में भी योगदान दिया। वह आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने क्रॉयोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की पढ़ाई की। एम. टेक में प्रथम रैंक हासिल करने के लिए रजत पदक से सम्मानित किया गया, उन्हें 2018 में प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार और 2023 में आईआईटी खड़गपुर से लाइफ फेलोशिप पुरस्कार भी मिला है।

    निभाई है कई अहम भूमिका

    पिछले दिनों प्रख्यात रॉकेट विज्ञानी वी. नारायणन को इसरो का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख के तौर पर वह उन्होंने एस. सोमनाथ की जगह ली। उल्लेखनीय है कि नारायणन की क्रायोजेनिक इंजन के विकास में अहम भूमिका रही है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी इस समय सफल दौर से गुजर रही है और आने वाले दिनों में उसके पास चंद्रयान-4 तथा गगनयान जैसे बड़े मिशन हैं।

    खुद को बताया था सौभाग्यशाली

    उल्लेखनीय है कि अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष के रूप में अपने नए कार्यकाल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नारायणन ने कहा था कि इस संस्था का हिस्सा बनने पर वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। इस नई नियुक्ति के बारे में उन्हें जानकारी सबसे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी थी।

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