'रूसी सेना में शामिल भारतीयों को रिहा करो', युद्ध में केरल के युवक की मौत के बाद भड़का विदेश मंत्रालय
Russia Ukraine War युद्ध में रूस की तरफ से लड़ रहे एक भारतीय की मौत हो गई है। वहीं एक अन्य घायल हो गए हैं । मृतक की पहचान केरल के त्रिचूर जिले के निवासी बिनिल के रूप में हुई है। इस घटना पर दुख जाहिर करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि हम मृतक व्यक्ति के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगस्त, 2024 में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ हुई मुलाकात में पीएम नरेन्द्र मोदी ने रूस की सेना में भारतीयों को गलत तरीके से भर्ती किये जाने का मुद्दा सीधे तौर पर उठाया था।
तब पुतिन के निर्देश के बाद रूस ने आधिकारिक तौर पर बताया था कि सेना में जितने भी भारतीय हैं, उन सभी को वापस भेजा जाएगा। लेकिन हाल ही में रूस की सेना की तरफ से बताया गया है कि एक भारतीय की मौत हो गई है। वह व्यक्ति केरल का नागरिक है। जबकि केरल का ही एक दूसरा नागरिक युद्ध में घायल है जिसका इलाज चल रहा है।
युद्ध के लिए भारतीयों को लुभा रहा रूस
भारत ने इस मुद्दे को फिर से रूसी पक्ष के साथ सख्ती के साथ उठाया है। बताया जा रहा है कि भारत की आपत्ति के बाद तब रूस की सेना के लिए भर्ती करने वाली एजेंसियों ने कुछ समय के लिए भारतीय युवाओं को निशाना बनाना बंद कर दिया था लेकिन अब जब यह मामला शांत हो गया है तो उनकी तरफ से फिर से दुबई व खाड़ी के दूसरे शहरों के जरिए भारतीयों को लुभाने का काम शुरू हो गया है।
भारत सरकार ने जताई मौत पर चिंता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि हमें रूस की सेना में भर्ती किये गये केरल के एक नागरिक की मौत होने की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की खबर का पता चला है। भारत का एक और नागरिक जो केरल का है, घायल हुआ है और उसका इलाज वहां के अस्पतालों में चल रहा है। हम मृतक व्यक्ति के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास मृतक व्यक्ति के साथ संपर्क में है और हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहा है।
रंधीर जायसवाल ने आगे बताया,"मृत भारतीय के शरीर को जल्द से जल्द स्वदेश लाने की कोशिश हो रही है। घायल भारतीय को शीघ्रता से वहां से छोड़े जाने की भी कोशिश की जा रही है। साथ ही नई दिल्ली में रूसी दूतावास के साथ उठाया गया है। हमने अपनी यह मांग फिर से सामने रखी है कि जो भी भारतीय वहां की सेना में हैं, उनको जल्द से जल्द छोड़ा जाना चाहिए।"
रूस ने क्या दी है दलील?
भारत ने पिछले साल जब यह मुद्दा उठाया था तब रूस के नई दिल्ली स्थित दूतावास ने कहा था कि रूसी सेना को भारतीयों की जरूरत नहीं है। जो भारतीय वहां गये हैं वह अपनी मर्जी से असैनिक कार्यों के लिए ठेके पर गये हैं। जबकि रूस की सेना से जिन भारतीयों को यहां लगाया गया उनमें से कई ने बताया था कि उन्हें यह नहीं बताया गया था कि उनकी तैनाती युद्ध भूमि में होगी और वहां युद्ध में हिस्सा लेना होगा।
कई भारतीयों ने भाषा की समझ नहीं होने और रूस-यूक्रेन युद्ध में सीधे भेजे जाने की बात भी कही थी। यह मुद्दा भारत ने रूस के समक्ष उठाया था। प्राप्त सूचना के मुताबिक केरल के त्रिशुर के रहने वाले बिनिल बाबू की मौत युद्ध भूमि में हुई है जबकि इसी शहर के जैन कुरियन गंभीर तौर पर घायल हुए हैं।
कुरियन ने मॉस्को स्थित एक अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने परिजनों से संपर्क किया जिसके बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ है।
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