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    रूस-यूक्रेन युद्ध में केरल के व्यक्ति की मौत, परिवार लगाता रहा घर वापसी की गुहार और फिर...

    Updated: Mon, 13 Jan 2025 11:53 PM (IST)

    Russia Ukraine War यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में एक और भारत के लाल की जान गई है। भारत के बिनिल रूसी सेना में तैनात थे और यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहा था। मृतक की पहचान केरल के त्रिचूर जिले के निवासी बिनिल के रूप में हुई है। बिनिल रूस के सैन्य सहायता सेवा में कार्य कर रह थे।

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    रूस-यूक्रेन युद्ध में केरल के व्यक्ति की मौत (फाइल फोटो- रॉयटर)

    पीटीआई, त्रिचूर। यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ रहे एक भारतीय के मारे जाने और एक अन्य के घायल हाने की खबर है। मृतक की पहचान केरल के त्रिचूर जिले के निवासी बिनिल के रूप में हुई है। बिनिल के एक रिश्तेदार सनीश ने यह दावा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके एक अन्य रिश्तेदार जैन टीके को भी चोटें आई हैं। उनका मॉस्को में इलाज चल रहा है।

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    हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बिनिल रूस के सैन्य सहायता सेवा में कार्य कर रह थे। यह खबर रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में फंसे बिनिल और उनके रिश्तेदार जैन टीके को वापस लाने के प्रयासों के बीच आई है। सनीश ने कहा, मॉस्को में भारतीय दूतावास ने हमें उनकी मौत की जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों को यह जानकारी रूसी सेना से मिली है।

    बिनिल की पत्नी ने अधिकारियों से ये अपील

    बिनिल की पत्नी जाइसी बिनिल और जैन को घर वापस लाने की अपील अधिकारियों से करती रही हैं। बिनिल ने परिवार को बताया था कि उन्हें और जैन को युद्ध के मोर्चे पर तैनात कर दिया गया। आईटीआई मैकेनिकल डिप्लोमा धारक बिनिल और जैन इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर के रूप में काम करने की उम्मीद में चार अप्रैल को रूस गए थे।

    रिश्तेदारों ने लगाए ये आरोप

    रिश्तेदारों के अनुसार रूस पहुंचने पर उनके भारतीय पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें रूसी सेना में युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया। उनके रिश्तेदारों ने कहा था कि दोनों यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र में कहीं फंसे हुए हैं जो अब रूसी नियंत्रण में है।

    उन्होंने अपनी वापसी के लिए अधिकारियों से मदद मांगी थी। दोनों प्राइवेट वीजा पर रूस गए थे। प्राइवेट वीजा हासिल करने में उनके एक रिश्तेदार ने मदद की थी जो रूसी सेना में तैनात था, हालांकि उसे भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस साल की शुरुआत में मॉस्को ने सेना से मुक्त किया था।

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