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    तेलंगाना सुरंग हादसा: रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या रोबोट की ली जा सकती मदद? एक्सपर्ट टीम संभावना तलाशने में जुटी

    Updated: Wed, 05 Mar 2025 11:02 PM (IST)

    Telangana Tunnel Accident तेलंगाना में सुरंग में फंसे आठ लोगों को अभी तक बाहर निकाला नहीं जा सका है। सेना नौसेना एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। मगर कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही है। अब बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाशी जा रही है। रोबोटिक्स कंपनी की एक टीम सुरंग में पहुंची है।

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    तेलंगाना सुरंग हादसे में अभी तक नहीं मिली कामयाबी।

    पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना के नगरकुरनूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन खंड के ढहने के बाद पिछले 12 दिन से सुरंग में फंसे आठ लोगों के बचाव का अभियान बुधवार को तेज गति से जारी है। बचाव अभियान के तहत वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए स्थानों पर मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खोदाई की जा रही है।

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    रोबोटिक्स की टीम पहुंची

    वहीं, रोबोटिक्स कंपनी की एक टीम आंशिक रूप से ध्वस्त एसएलबीसी सुरंग के अंदर गई, जहां लोग फंसे हुए हैं। राज्य सरकार बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाश रही है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी बचाव दलों के साथ भूकंप संबंधी अध्ययन करने के लिए सुरंग के अंदर गए हैं।

    रोबोट काम कर सकेंगे या नहीं... टीम जांच कर रही

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी की टीम ने जांच की कि क्या रोबोट सुरंग के अंदर गहराई तक जा सकता है और क्या यह वहां काम कर सकता है, क्योंकि वहां आ‌र्द्रता अधिक है। उन्होंने कहा कि टीम बताएगी कि रोबोट काम कर सकते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि जब भविष्य में सुरंग में परियोजना से संबंधित काम फिर से शुरू होगा तो चट्टानों की संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रोबोट शुरुआती खोज कर सकते हैं।

    टीबीएम को काटने की कोशिश

    अधिकारियों के अनुसार, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के अंतिम हिस्सों को गैस कटर का उपयोग करके काटा जाएगा और 'लोको ट्रेन' में सुरंग से बाहर लाया जाएगा। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूर समेत आठ लोग फंसे हुए हैं और एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

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