'बार-बार वही सवाल पूछ रहे, जिनके जवाब दे चुका हूं'; ED की पूछताछ के बाद बोले रॉबर्ट वाड्रा
वाड्रा ने पूछा कि भाजपा के किस मंत्री या सदस्य को ईडी ने तलब किया है? उनमें से किसी को भी तलब क्यों नहीं किया गया? क्या भाजपा में सभी अच्छे हैं? क्या उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है? कई आरोप हैं। वाड्रा ने दावा किया कि उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई तब और तेज हुई जब उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के बारे में आवाज उठानी शुरू की।

एएनआई, नई दिल्ली। गुरुग्राम लैंड स्कैम केस में कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। पूछताछ के बाद मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए वाड्रा ने कहा कि कोई नया सवाल नहीं पूछा गया, वही सवाल दोहराए गए जिनके जवाब मैं 2019 में दे चुका हूं।
वाड्रा ने कहा, 'अगर कल पब्लिक हॉलिडे नहीं होता, तो मुझे अपना जन्मदिन ईडी ऑफिस में मनाना पड़ा। कल गुड फ्राइडे है और मैं अपना जन्मदिन अपने परिवार के साथ मनाऊंगा, वरना वे मुझे बुलाते रहेंगे।'
तीसरे दिन ईडी के सामने पेश हुए
समन के जवाब में वाड्रा लगातार तीसरे दिन ईडी के समक्ष पेश हुए। वाड्रा ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए सरकार पर विपक्ष की आवाज को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
एएनआई से बात करते हुए वाड्रा ने ईडी की निष्पक्षता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि गैर-भाजपा दलों के नेताओं के खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई की जा रही है। वाड्रा ने कहा, 'यह राजनीतिक प्रतिशोध है। एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। यह गलत है। जब देश में सीएम पद के किसी उम्मीदवार के पीछे एजेंसियां लग जाएं या कोई पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, तो उन्हें परेशान किया जाए, तो एजेंसियों पर भरोसा कैसे होगा?'
वाड्रा ने कहा, 'अगर मैं राजनीति में आता, जो कि हर कोई चाहता है, तो वे (भाजपा) या तो वंशवाद की बात करेंगे या ईडी का दुरुपयोग करेंगे। यह मुश्किल तब शुरू हुई जब कुछ दिन पहले मैंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के बारे में सोशल मीडिया पर संदेश दिया। यह और कुछ नहीं है। जब से मैंने कहा कि लोग चाहते हैं कि मैं राजनीति में आऊं, तब से यह मुश्किल शुरू हो गई है। लेकिन ईडी के समन का कोई आधार नहीं है।'
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