युवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए बनेगा छह योजनाओं का रोडमैप; बजट में की गई थी घोषणा, अब लागू करने की तैयारी
सरकार द्वारा बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-4.0 स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफार्म स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नेशनल एप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी और शिक्षकों के प्रशिक्षण की घोषणा की थी। अब इन सभी योजनाओं को अमल में लाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: मोदी सरकार ने बजट पेश करने के साथ ही स्पष्ट कर दिया था कि युवाओं की क्षमता बढ़ाने और उन्हें रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए नए सिरे से कसरत शुरू होगी। इसके अलग-अलग योजनाओं की घोषणा की गई, जिनमें से छह योजनाओं को खास तौर पर लागू करने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इन्हें सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने के लिए विषय विशेषज्ञों के पैनल बनाए गए हैं, जो कि शनिवार को वेबिनार के जरिए प्रस्तुतीकरण करेंगे और मंथन करेंगे। उद्देश्य और लक्ष्यों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मार्गदर्शन देंगे।
योजनाओं को अमल में लाने की दिशा में प्रयास तेज
हाल ही में सरकार द्वारा बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-4.0, स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफार्म, स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नेशनल एप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी और शिक्षकों के प्रशिक्षण की घोषणा की थी। अब इन सभी योजनाओं को अमल में लाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। खास बात है कि इन योजनाओं को सिर्फ दफ्तर में बैठकर कागजी कसरत से नहीं बनाया जा रहा, बल्कि योजना से जुड़े हर पहलू पर गहरा मंथन किया जा रहा है। इसी के लिए शनिवार को एक वेबिनार आयोजित किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ पीएम मोदी करेंगे और साथ ही योजनाओं की सफलता का मंत्र भी देंगे।
योजना को लागू करने के लिए बनेगी विस्तृत रणनीति
वेबिनार में संबंधित मंत्रालयों के मंत्री, वरिष्ठ अधिकरी, विषय विशेषज्ञ और सैकड़ों हितधारक भी जुड़ेंगे। विशेषज्ञों के पैनल बनाए गए हैं, जो कि प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताएंगे कि योजना को लागू करने के लिए विस्तृत रणनीति क्या होनी चाहिए। हितधारकों से जुड़े मुद्दों, क्षमता विकास आदि पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही यह बताएंगे कि वर्तमान में चल रहे कार्यक्रमों या योजनाओं से नई घोषणाओं को कैसे जोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही रोजगार सृजन के संभावित क्षेत्र और उनके अनुसार आवश्यक कौशल की मांग को चिन्हित किया जाना है। इस चर्चा में जितने भी विशेषज्ञों के समूह भाग लेंगे, उन्हें 28 फरवरी तक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसे संयोजित शिक्षा मंत्रालय करेगा।
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