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देश की अर्थव्यवस्था को झुलसा सकती है बढ़ती गर्मी, जान के अलावा नौकरी भी छीन सकता है हीटवेव

विश्व बैंक की रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि भारत उन पहले देशों में से एक होगा जिसमें भारी गर्मी और हीटवेव का बुरा प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ेगा। इतना ही नहीं बल्कि उनके जीवित रहने की सीमा को भी यह तोड़ने में सक्षम है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarPublished: Thu, 08 Dec 2022 01:45 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 01:45 AM (IST)
देश की अर्थव्यवस्था को झुलसा सकती है बढ़ती गर्मी,  जान के अलावा नौकरी भी छीन सकता है हीटवेव
भारत में बढ़ती गर्मी को लेकर विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों को भारत अब नजरअंदाज नहीं कर सकता। भारत में एक तरफ जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, वहीं ठंड का मौसम भी सिकुड़ता जा रहा है। दरअसल,विश्व बैंक की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक 'भारत के शीतलन क्षेत्र में जलवायु निवेश के अवसर' है, उस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि पिछले कुछ सालों में भारत के लोग हीटवेव की वजह से काफी परेशान हो चुके हैं।

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समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, साल 2022 के अप्रैल महीने में दिल्ली का औसत तापमान 41 डिग्री पहुंच चुका था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मार्च महीने में तापमान में असाधारण वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि भारत उन पहले देशों में से एक होगा, जिसमें भारी गर्मी और हीटवेव का बुरा प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ेगा। इतना ही नहीं बल्कि उनके जीवित रहने की सीमा (Human survivability limit) को भी यह तोड़ने में सक्षम है।

भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा भीषण गर्मी का प्रभाव 

अगस्त 2021 में जारी किए गए जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) की छठी आकलन रिपोर्ट ने चेतावनी दी थी कि भारतीय उपमहाद्वीप में रह रहे लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना होगा। G20 क्लाइमेट रिस्क एटलस ने भी 2021 में चेतावनी दी थी कि अगर कार्बन उत्सर्जन अधिक रहता है, तो 2036-65 तक पूरे भारत में गर्मी की लहरें 25 गुना अधिक समय तक रहने की संभावना है। इसमें यह भी चेतावनी दी गई है कि पूरे भारत में बढ़ती गर्मी आर्थिक उत्पादकता को खतरे में डाल सकती है। भारत के 75 प्रतिशत कार्यबल, या 3.8 करोड़ लोग, खुले आसमान में काम करते हैं, जो हीटवेव की चपेट में आ सकते हैं। वहीं,साल 2030 तक भीषण गर्मी की वजह से 3 करोड़ 40 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।

वैश्विक प्रबंधन सलाहकार फर्म, मैकिन्से एंड कंपनी द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि बढ़ती गर्मी का बुरा असर भारत के श्रम क्षेत्र पर पड़ेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा एक विश्वसनीय कोल्ड चेन नेटवर्क पर निर्भर करेगी। पूरे भारत में खाद्य और दवा के सामानों के परिवहन के लिए कोल्ड चेन रेफ्रिजरेशन की एक प्रणाली की आवश्यकता होती है जो हर कदम पर काम करती है।

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