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    80 लिट्टी, 10 प्लेट चावल, 40 रोटी खाने के पीछे ये है असली वजह...

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 31 May 2020 09:12 AM (IST)

    कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के अनुसार जिन लोगों में ज्यादा खाना खाने के बाद भी फैट का असर नहीं दिखता उसके पीछे आनुवांशिक जीन्स जिम्मेदार होते हैं।

    80 लिट्टी, 10 प्लेट चावल, 40 रोटी खाने के पीछे ये है असली वजह...

    नई दिल्ली [आरती तिवारी]। बीते दिनों बिहार के बक्सर जिले में स्थित क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले अनूप ओझा के खाने को लेकर काफी चर्चा हुई। तीन दर्जन से अधिक रोटियां, दस प्लेट चावल व 80 लिट्टी खाने वाले अनूप के क्वारंटाइन का वक्त पूरा होने पर अनूप से ज्यादा वहां के रसोइए खुश थे।

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    हालांकि अनूप की सेहत को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि वे इतना खाते होंगे। इस तरह के तमाम उदाहरण हमारे आस-पास भी मिल जाते हैं, जो खूब खाना खाने के बाद भी सेहत के मामले में स्लिम ही बने रहते हैं, जबकि उतनी ही डाइट कोई अन्य व्यक्ति करे तो वह उनके वजन में इजाफा कर देता है।

    आनुवांशिक कारण है बड़ी वजह 

    इस बात को लेकर हुईं तमाम रिसर्च में सामने आया कि खूब सारी कैलोरी लेने के बाद भी मोटे न होने के पीछे की अहम वजह होती है हमारे जेनेटिक कोड्स में। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों में ज्यादा खाना खाने के बाद भी फैट का असर नहीं दिखता, उसके पीछे आनुवांशिक जीन्स जिम्मेदार होते हैं। हालांकि सामान्य तौर पर वजन बढऩे के लिए जिम्मेदार जीन्स की कमी के चलते भी मोटापा न के बराबर होने या वजन धीमी गति से बढऩे की प्रवृत्ति पाई जाती है। 

    नहीं हो पाते संतुष्ट

    इस बारे में आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू बताती हैं, 'रहन-सहन, मेटाबॉलिज्म और जीवनशैली जैसे कारक भी शरीर में फैट जमा होने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कई बार दिमाग यह सुनिश्चित नहीं कर पाता कि शरीर के लिए भोजन की मात्रा पूरी हो चुकी है। ऐसे में शरीर ज्यादा खाना खाने की क्षमता का निर्माण कर लेता है और जब तक हम उस मात्रा तक भोजन नहीं करते तब तक संतुष्ट नहीं हो पाते। इस आदत ठीक करने के लिए लिक्विड डाइट की मदद लें। पर्याप्त नींद और सेहत को ध्यान में रखते हुए शारीरिक गतिविधियां दिनचर्या में शामिल करें।' 

    मैंसेजर हार्मोन भी जिम्मेदार

    ज्यादा मात्रा में खाना खाने की एक अन्य वजह बताती हैं न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. मीनाक्षी अनुराग, 'हमारे दिमाग के जरिए ही शरीर को पता चलता है कि हमें भूख लगी है या किसी खास तरह की क्रेविंग हो रही है। डोपामाइन हार्मोन हमारे शरीर का मैसेंजर हार्मोन होता है। यही दिमाग को बताता है कि हमारी खाना खाने की इच्छा है या भूख लगी है। इस इच्छा के चलते हम काफी कुछ खाते रहते हैं। फिर भी अगर हमारे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक है और शरीर में ऑक्सीजन उचित मात्रा में मौजूद है तो यह खाना पच जाता है और वजन नहीं बढ़ता है।'

    एंटीऑक्सीडेंट्स बनेंगे मददगार 

    ऐसा भी नहीं है कि अगर वजन कम है तो आप स्वस्थ व्यक्ति की श्रेणी में हैं। ज्यादा मात्रा में खाना खाने के बाद भी वजन न बढऩा भी समस्या की निशानी है। इसके लिए जरूरी है कि आप एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त भोजन लें। जो लोग बहुत खा रहे हैं लेकिन वजन में इजाफा नहीं हो रहा है तो इसका सीधा अर्थ है कि शरीर में हार्मोन ठीक से काम नहीं कर रहे हैं या उचित हार्मोन का निर्माण नहीं हो रहा है। ऐसे में सही एक्सरसाइज और डाइट मदद कर सकती है। जब आपकी क्रेविंग कंट्रोल में रहेगी तो शरीर सही वक्त पर बता देगा कि अब खाने की जरूरत पूरी हो गई है। 

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