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    Republic Day Speech In Hindi 2025: गणतंत्र दिवस पर हिंदी में दमदार भाषण, रिपब्लिक डे स्पीच की तैयारी ऐसे करें

    Updated: Thu, 25 Jan 2024 12:19 PM (IST)

    Republic Day Speech In Hindi 2025 भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ तो उस समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था। बाद में डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया।

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    Republic Day Speech In Hindi 2025: गणतंत्र दिवस पर भाषण, रिपब्लिक डे स्पीच की तैयारी ऐसे करें (File Photo)

    Republic Day Speech in Hindi: डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल रिपब्लिक डे यानि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। राजपथ (कर्तव्यपथ) पर गणतंत्र दिवस की झांकी निकाली जाती है। 26 जनवरी की रैली में भारतीय सेना के जवान अपना अपना शौर्य व पराक्रम दिखाते हैं। स्कूलों में रिपब्लिक डे स्पीच का आयोजन किया जाता है। ऐसे में यदि आपको भी 26 जनवरी पर भाषण देना है तो हम आपके लिए लाए हैं गणतंत्र दिवस पर सबसे बेस्ट भाषण, जो आपके लिए काफी मददगार साबित होगा।

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    कैसे करें गणतंत्र दिवस पर भाषण की शुरुआत? (How to start Republic Day Speech)

    सबसे पहले स्टेज पर जाएं और मुख्य अतिथि को प्राणम करें और बाकी लोगों का भी स्वागत करें। अपना परिचय दें और फिर अपना भाषण शुरू करें।

    रिपब्लिक डे स्पीच (Republic Day Speech In Hindi)

    जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और तब से हम सब इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ तो उस समय भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था, लेकिन बाद में काफी विचार-विमर्श के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया और भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया गया। भारतीय संविधान के इस मसौदे को विधान परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया और 26 नवंबर 1949 में इसे अपनाया गया, लेकिन 26 जनवरी 1950 में इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया।

    आज हम सब यहां इस स्पेशल दिन को मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जो हमें मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने साहस और प्रेरणा देता है। यह दिन हमें भारत गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है। इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी बदौलत ही भारत आज एक गणराज्य देश कहलाता है। हमारे महान भारतीय नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री आदि ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

    इस वर्ष हम 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और केवल जनता को ही देश को सही दिशा में ले जाने के लिए अपने प्रतिनिधियों को राजनीतिक नेता के रूप में चुनने का अधिकार है। भारतीय संविधान की शक्तियों के कारण ही हम देश में अपने पसंद का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को चुन सकते हैं। हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में "पूर्ण स्वराज" के लिए 200 वर्षों से भी अधिक समय तक संघर्ष किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां किसी की गुलाम बनकर न रहे और स्वतंत्र रूप से अपने अधिकारों का निर्वहन कर सके।

    हम सबको यह प्रतिज्ञा करनी होगी कि हमें भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य बनाना होगा। भारत देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाएंगे। हम सब मिलकर सशक्त भारत का निर्माण करेंगे। सभी नागरिकों को संविधान के प्रति सजग करेंगे और सबको समान रूप से जीने का अवसर प्रदान करेंगे। हमें अपने सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि के बारे में जागरूक होना चाहिए ताकि आगे बढ़ने के लिए उन्हें हल किया जा सके।

    धन्यवाद

    जय हिंद!

    जय भारत...

    भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य (Facts About Republic Day In Hindi)

    स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था।

    भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

    हर साल किसी अन्य देश या राष्ट्र का राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री या शासक मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होता है।

    गणतंत्र दिवस की तैयारी लगभग एक साल पहले या आमतौर पर जुलाई के महीने में शुरू हो जाती है। गणतंत्र दिवस समारोह कार्यक्रम के लिए प्रतिभागी लगभग 600 घंटों तक अभ्यास करते हैं।

    गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले प्रत्येक भारतीय सेना के जवान को कई स्तरों की जांच से गुजरना पड़ता है।

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