उदयपुर: RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की डिजिटल अरेस्ट से बचने की अपील, बुजुर्गों को दी खास सलाह
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने उदयपुर में डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट से बचने की सलाह दी। उन्होंने डिजिटल क्रांति के फायदों के साथ बुजुर्गों को सतर्क रहने को कहा। उन्होंने वित्तीय डिजिटल साक्षरता की जरूरत बताई और पुराने बैंक खातों की ई-केवाईसी कराने का आग्रह किया। उदयपुर में निष्क्रिय खातों में जमा अनक्लेम्ड डिपॉजिट को सही वारिसों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की डिजिटल अरेस्ट से बचने की अपील (फोटो सोर्स- जेएनएन)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को उदयपुर में आयोजित ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार’ अभियान में कहा कि डिजिटल क्रांति ने देश के हर व्यक्ति को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, लेकिन इसके साथ ही डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं से सावधान रहने की जरूरत है। खासकर बुजुर्गों को इनसे सतर्क रहना चाहिए।
मल्होत्रा ने कहा कि जब उन्होंने नौकरी शुरू की थी, तब उनके बैच में केवल 6-7 प्रतिशत महिलाएं अधिकारी बनती थीं, जबकि आज नए बैचों में यह संख्या 33 से 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने खुशी जताई कि आज इस कार्यक्रम में भी लगभग आधी महिलाएं मौजूद हैं।
'अब महिलाएं भी हैं आगे'
उन्होंने उदयपुर की संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और कई महिला बैंक अधिकारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं।
गवर्नर ने कहा कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में उदयपुर में भी कार्य किया था। वे जून 2009 में जनजाति आयुक्त और अगस्त 2009 में राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMM) के एमडी रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान से आरबीआई गवर्नर बनने के बाद उनका पहला दौरा उदयपुर से शुरू होना उनके लिए गर्व की बात है।
मल्होत्रा ने कहा कि आज देश में लगभग हर व्यक्ति के पास डिजिटल बैंक खाता है और लोग नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम जैसी सुविधाओं से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब वित्तीय डिजिटल साक्षरता की जरूरत है ताकि लोग तकनीक का सुरक्षित उपयोग कर सकें। उन्होंने पुराने बैंक खातों की ई-केवाईसी कराने की भी अपील की।
किसे कहा जाता है अनक्लेम्ड डिपॉजिट?
शिविर के दौरान उदयपुर जिले के 2,86,243 निष्क्रिय खातों में जमा ₹101.47 करोड़ रुपये उनके असली वारिसों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई। आरबीआई राजस्थान के उप महाप्रबंधक विकास अग्रवाल ने बताया कि इन खातों में जमा राशि को अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहा जाता है और इसे सही हाथों में पहुंचाने के लिए यह राष्ट्रीय अभियान चलाया जा रहा है।

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