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    'अनिश्चितता से भरा लेकिन...' अर्थव्यवस्था को लेकर क्या-क्या बोले RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा?

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 08:29 PM (IST)

    आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट 2025 जारी करते हुए कहा कि 2026 अनिश्चितताओं से भरा रहेगा, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय ...और पढ़ें

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    RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नए ये वर्ष 2026 के आगमन से ठीक पहले RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चेतावनी दी है कि आगाामी वर्ष अनिश्चतताओं से भरा हुआ रहेगा लेकिन भारतीय इकोनमी और वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से मजबूत है।

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    आरबीआइ ने बुधवार को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी की है जिसमें गवर्नर मल्होत्रा ने अपनी बात कही है।

    उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की मजबूत स्थिति को रेखांकित किया है और कहा है कि, 'वर्ष 2025 का वर्ष भू-राजनीतिक संघर्षों, व्यापार तनाव और नीतिगत अनिश्चितताओं से चुनौतीपूर्ण रहा, जिसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली पर असर भी हुआ।

    अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी

    फिर भी विश्व अर्थव्यवस्था अपेक्षा से अधिक मजबूत साबित हुई और वित्तीय प्रणाली भी स्थिर रही। हालांकि 2026 और उसके बाद की स्थिति अनिश्चितताओं से घिरी हुई साबित हो सकती हैं क्योंकि वैश्विक आर्थिक परि²श्य में बदलाव करने वाली शक्तियां अभी स्थिर नहीं हुई हैं।' एफएसआर-2025 में कहा गया है कि भारत की तेज आर्थिक विकास दर आगे भी बनी रहेगी।

    आरबीआइ गवर्नर ने अपने बया में कहा है कि, 'अस्थिर और प्रतिकूल बाहरी वातावरण के बावजूद, घरेलू खपत और निवेश से प्रेरित उच्च विकास दर्ज करने की उम्मीद है।' रिपोर्ट में घरेलू मांग में हो रही वृद्धि, महंगाई की दर के लगातार नीचे बने रहने की संभावना और लगातार सुधारवादी आर्थिक नीतियों को तेज विकास दर का श्रेय दिया गया है।

    घरेलू खपत और निवेश से उच्च आर्थिक विकास दर जारी

    साथ ही देश के वाणिज्यिक बैंकों की स्थिति मजबूत बनी हुई है, बैंकों ने फंसे कर्जे (एनपीए) की समस्या को काफी हद तक काबू में कर लिया है, नये एनपीए बनने की रफ्तार भी काफी कम है जो वित्तीय ढांचे के दीर्घावधि में सुरक्षित बने रहने का संकेत दे रहे हैं।

    हालांकि आरबीआइ गवर्नर ने कुछ जोखिमों की तरफ भी इशारा किया है जिसमें वित्तीय सेक्टर की कुछ संपत्तियों का ऊंचा मूल्यांकन भी एक है। संभवत: यह इशारा भारतीय शेयर बाजार की तरफ है जहां कुछ सेक्टरों में अपेक्षाकृत ज्यादा तेजी देखी गई है।

    उन्होंने सरकार पर बढ़ते कर्ज, बैंकों और गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के बीच लगातार संबंद्धता बनने को भी एक जोखिम के तौर पर चिन्हित किया है।

    बैंकों की स्थिति सुदृढ़: RBI गवर्नर 

    मल्होत्रा ने जोर देकर कहा कि वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करना आरबीआइ का मुख्य लक्ष्य है, लेकिन यह अपने आप में अंतिम उद्देश्य नहीं है। नवाचार और विकास को बढ़ावा देना, उपभोक्ता संरक्षण के साथ कुशल नियमन एवं पर्यवेक्षण भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।

    उन्होंने कहा, 'नीति निर्माताओं का सबसे बड़ा योगदान एक ऐसी वित्तीय प्रणाली विकसित करना है जो बाहरी झटकों के प्रति मजबूत हो, वित्तीय सेवाएं कुशलता से प्रदान करे।'