'5 मिनट में ऑटो' का वादा करने वाली रैपिडो को झटका, उपभोक्ता प्राधिकरण ने ठोका 10 लाख का जुर्माना
ऑनलाइन राइड सेवा रैपिडो को झूठे वादे करने पर सीसीपीए ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने 5 मिनट में ऑटो नहीं तो 50 रुपये का भ्रामक विज्ञापन किया था जिसमें ग्राहकों को नकद मुआवजा नहीं दिया गया। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कई शिकायतें दर्ज हुई थीं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑनलाइन राइड सेवा देने वाली कंपनी रैपिडो को सवारियों से झूठे वादे करना भारी पड़ गया। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है और आदेश दिया है कि जिन ग्राहकों को वादे के मुताबिक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें तुरंत नकद राशि लौटाई जाए।
रैपिडो 120 से ज्यादा शहरों में सेवाएं देती है और देश के कई क्षेत्रीय भाषाओं में लगभग डेढ़ साल तक भ्रामक विज्ञापनों के जरिए सक्रिय रूप से प्रचार कर ग्राहकों को झांसा दिया है। दरअसल, कंपनी ने पिछले डेढ़ साल से अपने विज्ञापनों में दावा किया था कि 'पांच मिनट में ऑटो मिलेगा, वरना 50 रुपये मिलेंगे।'
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर मिली शिकायतें
जांच में यह दावा पूरी तरह गलत पाया गया। लगातार करीब 548 दिनों तक रैपिडो ने 'गारंटीड ऑटो' का वादा किया था। उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया गया कि बुकिंग के पांच मिनट के भीतर ऑटो उपलब्ध होगा, नहीं तो 50 रुपये दिए जाएंगे। लेकिन ग्राहकों को नकद नहीं, बल्कि 'रैपिडो कॉइन' दिए गए। इनकी वैधता केवल सात दिन थी और वे भी सिर्फ बाइक राइड में इस्तेमाल किए जा सकते थे।
यानी उपभोक्ता को मजबूरी में फिर से रैपिडो की सेवा लेनी पड़ती थी। इतना ही नहीं, जहां विज्ञापन में बड़े अक्षरों में गारंटी लिखी गई थी, वहीं नियम-शर्तें बेहद छोटे अक्षरों में छिपा दी गईं। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 से मई 2024 तक 575 शिकायतें और जून 2024 से जुलाई 2025 तक 1,224 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें ज्यादा शुल्क, रिफंड न मिलने और 'पांच मिनट गारंटी' पूरी न होने जैसी बातें शामिल थीं। शिकायतों की लगातार अनदेखी के बाद सीसीपीए ने कार्रवाई की और पाया कि विज्ञापन न केवल झूठे बल्कि भ्रामक थे।
इसके बाद न केवल रैपिडो पर जुर्माना लगाया गया, बल्कि उसे आदेश दिया गया है कि ऑफर में फंसे हर ग्राहक को नकद मुआवजा दिया जाए। यह मामला उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अक्सर बड़े-बड़े दावे करते हैं और शर्तें छोटे अक्षरों में छिपा देते हैं। सीसीपीए ने लोगों से अपील की है कि ऐसे दावों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और समस्या होने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
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