कर्नाटक में फिर से Rapido और Uber की बाइक टैक्सी सर्विस शुरू, दो महीने पहले किया गया था बैन
कर्नाटक में रैपिडो और उबर ने दो महीने के बैन के बाद 21 अगस्त को बाइक टैक्सी सर्विस फिर से शुरू कर दी है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने का कारण पूछा था और इसे रेगुलेट करने की बात कही थी। सरकार ने ऑटो और टैक्सी यूनियनों के विरोध के कारण पहले इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी नीति को वापस ले लिया था।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में दो महीनों के बैन के बाद एक बार फिर से Rapido और Uber की वापसी हो गई है। कर्नाटक में रैपिडो और उबर ने 21 अगस्त को कर्नाटक में अपनी बाइक टैक्सी सर्विस को फिर से शुरू कर दी है। दोनों के ही प्लेटफॉर्म पर बाइक टेक्सी की बुकिंग भी शुरू की जा चुकी है। हालांकि अभी तक ओला ने अपनी सर्विस को फिर से शुरू नहीं किया है।
बाइक टैक्सी पर लगा था बैन
कर्नाटक में 16 जून को बाइक टैक्सी पर बैन लगाया गया था, जिसके बाद कई ऑफिस दजाने वाले लोगों को निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ा और ऑटो रिक्शा ड्राइवरों ने बढ़ती मांग के कारण किराया बढ़ा दिया था। बाइक टैक्सी सर्विस को फिस से शुरू करने का यह फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट के जरिए राज्य सरकार के बैन पर सवाल उठाने के एक दिन बाद आया है। इस फैसले को लेकर एक इंटरव्यू में परिवहन मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि हाई कोर्ट ने हमें एक महीने का समय दिया है कि हम बाइक टैक्सी नीति बनाएं या नहीं। लेकिन कोर्ट ने उन्हें सेवाएं फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। हम इस बात को कोर्ट के संज्ञान में लाएंगे। परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद कार्रवाई करने पर फैसला लिया जाएगा।
हाई कोर्ट ने पूछे थे ये सवाल
- हाई कोर्ट ने पूछा था कि इस परिवहन के साधन पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया, जबकि इसे रेगुलेट भी किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश विभु बखरू और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ ने 20 अगस्त को ओला, उबर और रैपिडो द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि इस पर गंभीरता से विचार करें, यहां लोगों की आजीविका दांव पर है। हर व्यापार तब तक स्वीकार्य है जब तक उसे रेगुलेट न किया जाए।
- केंद्र सरकार के मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025 को 1 जुलाई को जारी किए गए थे। इसके तहत गैर-परिवहन (निजी) मोटरसाइकिलों को यात्री सवारी के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते राज्य सरकार इसे मंजूरी दे। हालांकि, ऑटो और टैक्सी यूनियनों के विरोध के कारण कर्नाटक सरकार बाइक टैक्सी को अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। वास्तव में, कर्नाटक पहला राज्य था जिसने 2021 में एक इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी नीति शुरू की थी। हालांकि, ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के यूनियनों के दबाव में, सरकार ने मार्च 2024 में इस नीति को वापस ले लिया था।
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