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    2003, 2013 और 2025 ... हर बार जेल से बाहर आकर करता था बच्चियों के साथ दुष्कर्म, पुलिस ने खोली पूरी कुंडली

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 10:00 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में 11 वर्षीय मूक-बधिक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपित गिरफ्तार हो गया है। राजगढ़ पुलिस ने इस मामले में रमेश खाती पिता घासीराम खाती (40) को पकड़ा है। रमेश ने वर्ष 2003 में अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र में ही एक पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसने 2013 में भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।

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    राजगढ़ पुलिस ने इस मामले में रमेश खाती, पिता घासीराम खाती (40) को पकड़ा है।

    जेएनएन, राजगढ़। नरसिंहगढ़ में 11 वर्षीय मूक-बधिक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपित गिरफ्तार हो गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसने न्यायिक प्रक्रिया को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बड़ा सवाल यह है कि मासूम बच्चियों के साथ दरींदगी करने वाले ऐसे आदतन यौन अपराधी समाज में खुलेआम कैसे घूम रहे हैं?

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    राजगढ़ पुलिस ने इस मामले में रमेश खाती, पिता घासीराम खाती (40) को पकड़ा है। वह घटना स्थल नरसिंहगढ़ से 200 किलोमीटर दूर शाजापुर जिले के अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र के बड़ी पोलाए गांव का रहने वाला है। रमेश ने वर्ष 2003 में अवंतीपुर बड़ोदिया थाना क्षेत्र में ही एक पांच वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। पकड़ा गया तो 10 साल की सजा हुई।

    वर्ष 2013 में वह जेल से बाहर आया। कुछ महीनों बाद 2014 में उसने सीहोर के आष्टा में आठ साल की एक बच्ची के साथ हैवानियत की। इस मामले में निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई। पिता ने खेत बेचकर उसका मुकदमा लड़ा और 2019 में उच्च न्यायालय ने तकनीकी आधारों पर उसे बरी कर दिया।

    एक-दो फरवरी 2025 की रात उसने राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में 11 साल की एक मूक-बधिक बच्ची को अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया। सुबह बच्ची गंभीर अवस्था में झाड़ियों में मिली थी। उसकी जान बचाने के लिए भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आठ फरवरी को उसने दम तोड़ दिया।

    इस मामले में पुलिस ने तीन फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कर अपराधी की तलाश शुरू की थी। 16 दिनों की छानबीन और छापेमारी के बाद उसे पकड़ा जा सका है। पुलिस ने उसे राजगढ़ के ही भोजपुर थाना क्षेत्र के होड़ा माता मंदिर के समीप से पकड़ा है। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा का कहना है कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि उसने दुष्कर्म के बाद बच्ची को जान से मारने के लिए गला दबाया था। वह निश्चिंत था कि बच्ची मर गई और अब उसे कोई नहीं पहचान पाएगा।

    प्रक्रिया की खामियों ने फांसी से बचाया

    2014 में सीहोर की अदालत ने रमेश खाती को मौत की सजा सुनाई थी। अपील में उच्च न्यायालय में खाती के वकील यह साबित कर ले गए कि पहचान परेड में बच्ची के पिता मौजूद थे, जिन्होंने उसे इसकी पहचान के लिए बताया होगा। पता चला कि पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी नहीं कराई थी। न्यायिक अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहचान परेड की वीडियोग्राफी कराई होती तो वहां पिता की मौजूदगी होने के बाद भी न्यायालय में इसे मेनुपुलेशन साबित नहीं किया जा सकता था।

    अपनी बेटी से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका

    राजगढ़ पुलिस के मुताबिक आरोपित रमेश खाती 10 साल की उम्र से गांजा पीता है। आदतन यौन अपराधी है। वह अपनी 14 साल की बेटी से दुष्कर्म की कोशिश कर चुका है। इसकी वजह से इसका पत्नी से विवाद है। वह घर छोड़कर उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ही पड़ा रहता था। भंडारों में खाना खाता, गांजा पीता और छोटी-मोटी चोरियां कर अपना खर्च निकालता था। जिस रात उसने बच्ची को अगवा किया उसी रात नरसिंहगढ़ मंडी में एक विक्षिप्त महिला को शिकार बनाने की कोशिश की थी, लोगों के शोर मचाने पर वह भागा।

    ऐसे चली तलाश

    • तीन राज्यों के 9 जिलों उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, नीमच, जयपुर, प्रयागराज, भोपाल, विदिशा और सीहोर में इसकी तलाश की गई।
    • आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस की 16 विशेष टीमें बनाई गईं।
    • लगातार छह दिन 17 रेलवे स्टेशनों उज्जैन, मक्सी, नागदा, अकोदिया, शाजापुर, शुजालपुर, रतलाम, नीमच, जयपुर, भोपाल, रानी कमलापति(हबीबगंज), विदिशा, गंजबासोदा, संत हिरदाराम नगर और प्रयागराज पर आरोपित की तलाश हुई।
    • 400 घंटे से अधिक के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच हुई। उसी में आरोपित चिन्हित हुआ।
    • नरसिंहगढ़ मंडी परिसर के 382 से ज्यादा हम्मालों से पूछताछ, साथ ही आसपास रहने वाले लोहार समाज के लोगों से भी गहन छानबीन के बाद असली अपराधी को चिन्हित कर पकड़ लिया गया।

    गुना-विदिशा में ऐसे मामले

    गुना के म्याना क्षेत्र में छह नवंबर को एक बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। सामने आया कि आरोपित मुकेश जाटव (40) चार दिन पहले ही एक 10 वर्षीय बच्ची के दुष्कर्म की कोशिश कर चुका है। पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद उसे पकड़ा। इसी सप्ताह विदिशा के एक मैरेज गार्डन से छह साल की एक बच्ची अगवा कर ली गई। रेलवे स्टेशनों पर कुछ लोगों ने शक के आधार पर कोमल अहिरवार को पकड़ा। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि 2015 में वह इसी मैरेज गार्डन से एक बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म कर चुका है।

    इसलिए मासूमों को बनाता था शिकार

    एसपी आदित्य मिश्रा ने बताया कि आरोपित नशे का आदी है। वह दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम देने के लिए मासूम बालिकाओं को इसलिए चुनता था कि बालिकाएं कुछ समझ नहीं पाती थी विरोध नहीं करती थी। जबकि वयस्क युवतियां और महिलाओं के साथ ऐसा करने के प्रयास पर विरोध का डर रहता था। यही कारण है कि उसने तीनों बार मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया है।

    रमेश को गिरफ्तार कर लिया है। घर में पति-पत्नी में विवाद के कारण अधिकतर समय उज्जैन रहता था और गांजा पीता था। तीनों बार मासूमों को इसलिए शिकार बनाया कि वह विरोध नहीं कर पाती थी। उसको पकड़ने के लिए मप्र, उप्र व राजस्थान पुलिस का समन्वित प्रयास रहा। रेलवे स्टेशनों व अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसे पकड़ा। आदित्य मिश्रा,एसपी राजगढ़

    भोपाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेल मनीष शंकर शर्मा ने कहा, "आदतन दुष्कर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए। कानून का भय नहीं होना और ज्यादा नशा करना इस तरह के अपराध का कारण बनता है। इस मामले में फांसी की सजा से बरी होने पर उसमें कानून का भय समाप्त हो गया और उसने फिर एक बच्ची के साथ हैवानियत कर दी। नशे का आदी तो वह है ही।"

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