Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गरीबी के अनुमान पर रंगराजन की सफाई, कहा मानकों के अनुरूप है आकलन

    By Edited By:
    Updated: Tue, 08 Jul 2014 01:22 AM (IST)

    प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन सी रंगराजन ने देश की आबादी में औसतन दस में तीन के गरीब होने के अपने ताजा आकलन का बचाव किया है। उनका कहना है कि उनके अनुमान अंदाज पर आधारित नहीं हैं। अलबत्ता वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। वहीं दूसरी और कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने उ

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन सी रंगराजन ने देश की आबादी में औसतन दस में तीन के गरीब होने के अपने ताजा आकलन का बचाव किया है। उनका कहना है कि उनके अनुमान अंदाज पर आधारित नहीं हैं। अलबत्ता वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। वहीं दूसरी और कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने उनके इस आंकलन की आलोचना की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रंगराजन की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह ने गरीबी को लेकर सुरेश तेंदुलकर समिति के फॉर्मूले को खारिज किया है। साथ ही अनुमान लगाया कि भारत में 2011-12 में गरीबों की संख्या कुल आबादी का 29.5 फीसद थी। यह तेंदुलकर समिति के अनुमान से कहीं अधिक है। तेंदुलकर समिति ने 2011-12 में 21.9 फीसद गरीब होने का अनुमान जताया था।

    रंगराजन ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि गरीबी का अनुमान यूं ही अंदाजे पर आधारित है। यह उपयुक्त अनुमान है। हमने स्वतंत्र तरीके से गरीबी का अनुमान लगाया है।' उनके मुताबिक, शहरों में रोजाना 47 रुपये और गांव में 32 रुपये खर्च करने वाला गरीब नहीं है। इसको लेकर हो रही चौतरफा आलोचना केजवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।

    इसे आगे और समझाते हुए रंगराजन बोले कि विश्व बैंक भी रोजाना दो डॉलर से कम खर्च करने की हैसियत वाले व्यक्ति को गरीब मानता है। क्रयशक्ति समता के आधार पर ताजा अनुमान 2.4 डॉलर बनता है। लिहाजा, गरीबी का अनुमान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।

    दूसरी ओर गरीबी पर रंगराजन समिति की रिपोर्ट पर सोमवार को राजनीतिक दलों ने न केवल तीखा हमला बोला बल्कि इसे गरीबों के साथ मजाक बताने में गुरेज नहीं किया। रिपोर्ट में शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन 47 रुपये से ज्यादा और ग्रामीण क्षेत्र में 32 रुपये से ज्यादा खर्च करने वाले को गरीबी रेखा से ऊपर बताया गया है।

    किसने क्या कहा:-

    'हमारा मानना है कि बीपीएल मापदंड के यह आंकड़े भ्रामक हैं। सरकार के उचित मंच पर हम यह मुद्दा उठाएंगे।'

    - उमा भारती, केंद्रीय मंत्री

    'रंगराजन समिति के आंकड़े हास्यास्पद हैं। सामान्य के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी यह व्यावहारिक नहीं है।'

    - सीताराम येचुरी, माकपा नेता

    'हम रंगराजन को 100 रुपये देकर गांव में एक दिन गुजारने को कहेंगे। इसमें वह पेट भर खाना खाकर दिखाएं। एसी में रहने और चलने वाले नहीं जानेंगे कि महंगाई क्या होती है।'

    - नरेश अग्रवाल, सपा नेता

    'कुछ नहीं यह सिर्फ गरीब लोगों का मजाक बनाना है। जो भी आंकड़े दिए गए हैं और जिस तरह से इन आंकड़ों तक पहुंचा गया, हमारी पार्टी उसका समर्थन नहीं करती।'

    - मायावती, बसपा सुप्रीमो

    'हमें सच्चाई को देखना होगा। रंगराजन एक बेहतरीन अर्थशास्त्री हैं। रिपोर्ट पर बहस होनी चाहिए और संबंधित संस्था को इस फैसला करना चाहिए।'

    - वीरप्पा मोइली, कांग्रेस नेता

    पढ़ें: देश के नए एक चौथाई गरीब यूपी से

    यूपीए सरकार ने छिपाए गरीब, संख्या बताई दस करोड़ कम

    comedy show banner
    comedy show banner