'छावनियों को स्मार्ट और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम में बदलें', आईडीईएस अधिकारियों से बोले राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय रक्षा संपत्ति सेवा (आईडीईएस) के अधिकारियों से छावनियों को स्मार्ट हरित और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम के रूप में विकसित करने का आग्रह किया है। उन्होंने 2035 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने का आह्वान किया जो भारत को एक विकसित देश बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय रक्षा संपत्ति सेवा (आईडीईएस) के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे छावनियों को स्मार्ट, हरित और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास करें और 2035 तक इसे प्राप्त करने का लक्ष्य रखें। यह सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा, जिसमें भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य है।
रक्षा संपत्ति महानिदेशालय द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि जन विश्वास अधिनियम, 2023 के माध्यम से छावनियों में मामूली अपराधों को अपराधमुक्त बनाने का सरकार का निर्णय वहां रहने और व्यवसाय करने को आसान बनाएगा।
'प्रशासनिक प्रणाली जटिल बनाते हैं औपनिवेशक युग के कानून'
उन्होंने आगे कहा कि औपनिवेशिक युग के कानून अब बोझ लगते हैं और प्रशासनिक प्रणाली अक्सर जटिल हो जाती है। इन जटिलताओं को कम करने और नागरिकों के विश्वास पर आधारित शासन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2023 में जन विश्वास अधिनियम लेकर आई। इस कानून के तहत कुछ छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक घोषित कर दिया गया है। अब इन मामलों में केवल जुर्माना लगाया जाएगा। इस कदम से न केवल जीवन सुगम होगा, बल्कि व्यापार करने में भी आसानी होगी।
'जुर्माना लगाते समय रखा जाए इस बात का ध्यान'
हालांकि, रक्षा मंत्री ने आगाह किया कि जुर्माने की राशि गैर-आनुपातिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, आप यह जानते हैं। लेकिन मैं आपको फिर भी याद दिलाना चाहता हूं कि जुर्माना लगाते समय सावधानी और संतुलन बनाए रखना चाहिए। कभी-कभी संपत्ति की कीमत से भी ज्यादा जुर्माना लगा दिया जाता है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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