'तो फिर होगा ऑपरेशन सिंदूर...', राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को खुली चेतावनी; ट्रंप के दावों की भी खोली पोल
Rajnath Singh Rejects Trumps Mediation Claims on Operation Sindoor रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान किसी के हस्तक्षेप से नहीं रुका। जरूरत पड़ने पर यह अभियान फिर से शुरू होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत किसी भी ताकत के सामने नहीं झुकेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को खारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाक संघर्ष को रुकवाने के लिए हस्तक्षेप करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के कारण स्थगित नहीं हुई थी।
राजनाथ सिंह ने कहा, '' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और भी मजबूत हुआ है और कोई भी ताकत भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की हिम्मत नहीं कर सकती। दुनिया के सबसे अमीर और शक्तिशाली लोगों को यह समझना चाहिए कि भारत न तो किसी ताकत के सामने झुका है और न ही भविष्य में झुकेगा।''
केंद्र सरकार द्वारा आयोजित 78वें 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' समारोह में रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भविष्य में कोई आतंकवादी हमला होता है तो ऑपरेशन सिंदूर फिर से शुरू होगा। उन्होंने कहा, '' कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम किसी के हस्तक्षेप के कारण हुआ। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान किसी के हस्तक्षेप के कारण स्थगित नहीं हुआ था।''
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने भी स्पष्ट किया कि भारत ने इस संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को अस्वीकार कर दिया था।
'हमारा धैर्य ही हमारी ताकत , इसे कमजोरी न समझें'
ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादियों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर ने खुद स्वीकार किया है कि बहावलपुर हमले में खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के चिथड़े उड़ गए थे।
उन्होंने कहा, ''पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया को बार-बार साबित किया है कि हमारा धैर्य ही हमारी ताकत है और हमारे धैर्य को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 का बालाकोट हवाई हमला हो या 2025 का ऑपरेशन सिंदूर - भारत ने साबित कर दिया है कि जो लोग बातचीत, शांति और सद्भावना की भाषा नहीं समझते, हम उन्हें उनकी समझ में आने वाली भाषा में जवाब देना जानते हैं।''
'देश में अभी भी रजाकारों के समर्थक हैं, ये हमारे सबसे बड़े दुश्मन'
रक्षा मंत्री ने रजाकारों (निजाम शासन के सशस्त्र समर्थक) द्वारा किए गए अत्याचारों की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से की, जहां लोगों को उनका धर्म पूछकर मार दिया गया था। राजनाथ ने बीदर जिले के गोर्टा गांव में हुए नरसंहार को याद किया, जहां रजाकारों ने 200 हिंदुओं की हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा कि यह गांव रजाकारों की बर्बरता का शिकार हुआ। 200 से ज्यादा हिंदुओं को कतार में खड़ा करके बेरहमी से मार डाला गया था।''
राजनाथ ने आरोप लगाया, ''आज भी देश में रजाकारों के समर्थक मौजूद हैं। मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि ये हमारे सबसे बड़े दुश्मन हैं। हम भारत से इस मानसिकता, इस विचारधारा और इस मानसिकता को पूरी तरह से मिटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत की अखंडता और एकता से बढ़कर कोई मूल्य नहीं है।''
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इनपुट- पीटीआई
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