गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों से निपटने तकनीक के उपयोग पर दिया जोर
नक्सली हिंसा प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और शीर्ष अधिकारी बैठक में होंगे शामिल..
नई दिल्ली(जेएनएन)। सुकमा में नक्सली हमले में अर्धसैनिक बलों के 25 जवानों के मारे जाने की घटना के दो सप्ताह बाद आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम जवानों की शहादत को बर्बाद नहीं होने देंगे। कहा कि अब वो दिन दूर नहीं है, जब हिंसा से छुटकारा मिल सकेगा।
नक्सल समस्या से प्रभावित 10 राज्यों के साथ वामपंथी चरमपंथ के विभिन्न पहलुओं को संयुक्त रूप से समझने के लिए इस बैठक को बुलाया गया है, ताकि वामपंथी चरमपंथवाद पूर्ण बल और क्षमता से सामना किया जा सके। सुरक्षा की एक एकीकृत रणनीति पर चर्चा और काम करने के लिए और 35 बुरी तरह प्रभावित जिलों में विकास के लिए प्रोत्साहन देकर, एलडब्ल्यूई प्रभाव का सफाया किया जा सकता है। इस बैठक में केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा दूरसंचार मंत्रालय के प्रभारी मंत्री समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
तकनीक के उपयोग पर दिया जोर
केंद्रीय गृहमंत्री की ओर से नक्सली संगठनों के खिलाफ एक रणनीति के तहत शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लांग टर्म कार्ययोजना चलाए जाने की बात कही, साथ ही इन संगठनों के वित्तीय स्रोतों को बंद करने को लेकर कदम उठाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। नक्सली समूहों पर हमले को लेकर सेटेलाइट आधारित तकनीक, आईटी और संचार के उचित उपयोग की बात दोहरायी। एंटी नक्सल आपरेशन के दौरान यूएवी, पीटीजेड कैमरा, जीपीएस, थर्मल इमेज, रडार और सैटेलाइट के उपयोग की बात कही। वामपंथी और नक्सली संगठनों से जुड़े प्रमुख लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए खुफिया अधिकारी नियुक्त करने की बात कही।
सुरक्षा बलों की सुविधा बढ़ाने का वादा-
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सुरक्षा बलों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। सुरक्षा बलों के आवासीय कैंपों में बिजली, पानी और संचार सुविधाओं को बढ़ाने का जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने सुरक्षा बलों के प्रेरणा और प्रशिक्षण के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि सेना के प्रशिक्षण और उनके कैंपों की सुविधाओं में इजाफा किये जाने की आवश्यकता है।
सुरक्षा बलों पर हमला देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश-
नक्सली हमलों पर गृहमंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों पर हमला करके चरमपंथी समूह अपने कैडर का हौसला बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें यह विचार करना होगा कि किसी भी घटना के बाद ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए या हमें अधिक सक्रिय से रणनीति बनाकर हमला करना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कहा कि सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना ने पूरे देश में को उत्तेजित कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जिसे वामपंथी और चरमपंथी समूह कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वो देश के लोकतंत्र का दबाने और विकास कार्यों को रोकने में सफल नहीं होंगे।
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