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    ASEAN प्लस रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने मलेशिया जाएंगे राजनाथ सिंह, आतंकवाद के मुद्दे पर रखेंगे बात 

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 08:30 PM (IST)

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया में आसियान प्लस वन देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगे। वे क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के खतरे पर भारत का नजरिया रखेंगे। इस बैठक का उद्देश्य आसियान देशों और भारत के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।

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    ASEAN प्लस रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने मलेशिया जाएंगे राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया में आसियान प्लस वन देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हित के मसलों पर चर्चा करेंगे।

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    कुआलालंपुर में 31 अक्टूबर और एक नवंबर को होनेवाली इस बैठक में रक्षामंत्री आसियान देशों और उसके कुछ वार्ता साझेदारों के एक समूह की बैठक में भी भाग लेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की उभरती स्थितियों पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

    भारत किन मुद्दों पर देगा जोर

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार शनिवार को होने वाली आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) में आतंकवाद के खतरे सहित प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों से निपटने पर राजनाथ सिंह भारत के नजरिए को रखेंगे। आसियान समूह के देश भारत के क्षेत्रीय पड़ोसी होने के साथ-साथ अहम व्यापारिक साझेदार हैं।

    साथ ही एशिया प्रशांत क्षेत्र के समुद्री इलाके की सुरक्षा तथा व्यापार आवागमन पर भारत समेत इन देशों के गहरे हित जुड़े हैं। एडीएमएम-प्लस एक मंच है जिसमें 11 देशों का आसियान और उसके आठ वार्ता साझेदार भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका शामिल हैं।

    किस विषय पर बात रखेंगे रक्षा मंत्री

    सम्मेलन के दौरान राजनाथ सिंह 'एडीएमएम-प्लस के 15 वर्षों पर चिंतन और आगे का रास्ता तैयार करना' के विषय पर भी अपनी बात रखेंगे। जबकि शुक्रवार को रक्षामंत्री आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की दूसरी अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेंगे।

    रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस बैठक का उद्देश्य आसियान सदस्य देशों और भारत के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत कर 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' को आगे बढ़ाना है। मालूम हो कि भारत 1992 में ही आसियान का वार्ता साझेदार बना। पहला एडीएमएम-प्लस 2010 में वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था। जबकि 2017 से हर साल एडीएमएम-प्लस का आयोजन आसियान और प्लस देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

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