'यह एक अदृश्य सेतु है जो वित्त और सशस्त्र बलों को जोड़ता है', रक्षा लेखा विभाग की सराहना में बोले रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा लेखा विभाग की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वित्तीय प्रबंधन और संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए सराहना की। उन्होंने विभाग को सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण रीढ़ बताया। राजनाथ सिंह ने डिजिटल इंडिया के तहत प्रौद्योगिकी को अपनाने और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए भी डीएडी की सराहना की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वित्तीय लचीलापन सुनिश्चित करने, संसाधनों का अनुकूल बनाने और आपरेशनल तैयारी बनाए रखने के लिए रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) की सराहना की। साथ ही विभाग को भारत के सशस्त्र बलों की मूक, लेकिन महत्वपूर्ण रीढ़ बताया।
विभाग के 278वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, ''ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जहां पूरी दुनिया ने ऐतिहासिक व निर्णायक जीत हासिल करने में सशस्त्र बलों के पराक्रम व साहस को देखा; वहीं रक्षा लेखा विभाग की मूक, लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका ने संसाधनों का कुशल उपयोग, वित्तीय प्रबंधन और युद्ध की तैयारी सुनिश्चित की।''
उन्होंने रक्षा लेखा विभाग को ऐसी संस्था बताया जो न केवल वित्तीय विवेक और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है, बल्कि सेनाओं को संसाधनों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करके ऑपरेशनल तैयारी को भी मजबूत करती है। उन्होंने रेखांकित किया, ''रक्षा विभाग केवल एक लेखा संगठन नहीं है; यह राष्ट्र के आर्थिक चक्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करता है। यह एक अदृश्य सेतु है जो वित्त और सशस्त्र बलों को जोड़ता है।''
'किसी राष्ट्र की शक्ति उसकी वित्तीय नींव की मजबूती में होती है'
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ''किसी राष्ट्र की शक्ति उसकी वित्तीय नींव की मजबूती में होती है'' और उन्होंने बजट के कुशल उपयोग के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक पूंजीगत बजट व्यय का 50 प्रतिशत पहले ही बुक किया जा चुका था और पिछले वित्तीय वर्ष में 100 प्रतिशत उपयोग के लिए विभाग की प्रशंसा की।राजनाथ ने डिजिटल इंडिया के तहत प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए डीएडी की सराहना की और ई-रक्षा आवास, निधि 2.0, ट्यूलिप 2.0 और एआइ चैटबाट 'ज्ञान साथी' जैसी पहलों का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, ''ये प्रगतिशील सुधार दक्षता और पारदर्शिता के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने में डीएडी की सक्रिय भावना को दर्शाते हैं। ये डिजिटल रूप से सशक्त रक्षा वित्त प्रणाली की ओर बढ़ने के भारत के दृढ़ संकल्प को भी रेखांकित करते हैं।''
आधुनिक युद्ध को प्रौद्योगिकी-संचालित बताते हुए रक्षा मंत्री ने डीएडी से अनुसंधान एवं विकास को सक्षम बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ''रक्षा बजट के संरक्षक के रूप में अनुसंधान एवं विकास को सक्षम बनाने व प्रोत्साहित करने में आपकी भूमिका हमारे सशस्त्र बलों की भविष्य की क्षमताओं के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।''
आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा खरीद नियमावली
उन्होंने डीएडी द्वारा तीनों सेनाओं के एकीकरण के वित्तीय प्रवर्तक के रूप में कार्य करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। खरीद सुधारों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ ने कहा कि राजस्व खरीद में तेजी लाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा खरीद नियमावली, 2025 जारी की गई है, जबकि पूंजीगत खरीद को सुव्यवस्थित करने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया की समीक्षा चल रही है।रक्षा मंत्री ने डीएडी को रक्षा वित्त और आर्थिकी में उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट और विजन डाक्यूमेंट जैसी पहलों की भी सराहना की और सीजीडीए को एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।
वित्तीय नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा- राजनाथ सिंह
राजनाथ ने जोर देकर कहा, ''एक ओर आपको वित्तीय नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा क्योंकि हर रुपया भारत के लोगों का है। दूसरी ओर, आपको हमारे सशस्त्र बलों की आपरेशनल तैयारी सुनिश्चित करनी होगी। सही मानसिकता और समन्वय के साथ आप समय पर हमारी सेनाओं की जरूरतों को पूरा करते हुए नियमों का पालन कर सकते हैं।''
सैनिकों के साथ मनाएंगे दशहरा
रक्षा मंत्री बुधवार को भुज पहुंच गए। वह यहां गुरुवार को मिलिट्री बेस पर सैनिकों के साथ दशहरा मनाएंगे। भुज पहुंचने पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उनकी अगवानी की।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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