'पहले इलेक्शन में हिस्सा लेते हैं, फिर रिजल्ट पर सवाल उठाते हैं', मुख्य चुनाव आयुक्त ने विपक्ष को दिखाया आईना
राजीव कुमार ने सेवानिवृत्ति से पहले अपने विदाई संबोधन में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय और पूर्ण भागीदारी के बाद परिणामों पर संदेह व्यक्त करना अवांछनीय है। बता दें कि कुमार 18 फरवरी को मुख्य निर्वाचन आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक सत्यापन का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि मतदाताओं की पहचान प्रभावी तरीके से की जा सके।

पीटीआई, नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को मतदान केंद्र-वार मतदान पैटर्न में गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए योगमापी (टोटलाइजर) प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह सही समय है कि अनिवासी भारतीयों को उनके स्थानों से मतदान करने का अधिकार दिया जाए।
राजीव कुमार ने सेवानिवृत्ति से पहले अपने विदाई संबोधन में यह भी कहा कि करोड़ों प्रवासी मतदाताओं की सुविधा के लिए दूरस्थ मतदान प्रणाली को लेकर आम सहमति आवश्यक है। मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक सत्यापन का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि मतदाताओं की पहचान प्रभावी तरीके से की जा सके।
18 फरवरी को रिटायर हो जाएंगे राजीव कुमार
कुमार 18 फरवरी को मुख्य निर्वाचन आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के खर्चों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग शुरू हो गई है। बेहतर वित्तीय पारदर्शिता और विश्लेषण के लिए इसे अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
राजनीतिक वादों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वित्तीय प्रविधानों को सार्वजनिक तौर पर बताया जाना चाहिए और अदालतों को जल्द फैसला करने की आवश्यकता है। कुमार ने कहा कि अनियमित इंटरनेट मीडिया एल्गोरिदम दुनियाभर में चुनावों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
रिजल्ट पर सवाल उठाने वालों को दिया जवाब
- उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन निकायों को शरारतपूर्ण, आधारहीन और रणनीतिक रूप से समयबद्ध आलोचना का मुकाबला करने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है। इंटरनेट मीडिया एल्गोरिदम नियमों का एक सेट है, जिसका इस्तेमाल कुछ इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के भीतर उपयोगकर्ताओं के लिए कंटेंट को रैंक करने, फिल्टर करने और व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय और पूर्ण भागीदारी के बाद परिणामों पर संदेह व्यक्त करना अवांछनीय है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी सहायक की भूमिका में रही है। इसने मतदाता सूचियों को परिष्कृत करने, संचालन को सुव्यवस्थित करने और नागरिकों को अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ने में मदद की है।
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