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    अवैध मतांतरण के खिलाफ आज विधानसभा में बिल पेश करेगी राजस्थान सरकार, ये होंगे प्रविधान

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 04:00 AM (IST)

    राजस्थान सरकार विधानसभा सत्र में अवैध मतांतरण रोकने के लिए सख्त विधेयक पेश करेगी। प्रस्तावित कानून में कठोर दंड के प्रविधान हैं जिसमें सामान्य मामलों में सात से 14 वर्ष जेल व न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना सामूहिक मतांतरण के मामले में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का प्रविधान है।

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    सात से 14 वर्ष जेल व न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार सोमवार से शुरू होने वाले विधान सभा सत्र में अवैध मतांतरण रोकने के लिए सख्त विधेयक पेश करेगी। प्रस्तावित कानून में कठोर दंड के प्रविधान हैं।

    इसमें सामान्य मामलों में सात से 14 वर्ष जेल व न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना, सामूहिक मतांतरण के मामले में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास व न्यूनतम 25 लाख जुर्माना और अपराध दोहराने वाले को आजीवन कारावास व कम से कम 50 लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित है। मतांतरण के उद्देश्य से होने वाली शादी अमान्य होगी। ये सभी अपराध गैर जमानती होंगे। पूर्वजों के धर्म में लौटना परिवर्तन नहीं माना जाएगा।

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    कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस मसौदे को मंजूरी दी गई। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान में अवैध मतांतरण रोकने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। पहले के सत्र में पेश विधेयक वापस लिया जाएगा। प्रस्तावित कानून में नाबालिगों, महिलाओं, दिव्यांगों या एससी-एसटी मामलों में 10 से 20 वर्ष जेल और न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना होगा।

    विदेशी या अनधिकृत फंडिग स्वीकार करने पर 10 से 20 वर्ष जेल और कम से कम 20 लाख रुपये का जुर्माना होगा। अवैध मतांतरण में शामिल संस्थानों का पंजीकरण रद किया जा सकता है और अनुदान वापस लिए जा सकते हैं। मतांतरण के लिए उपयोग की जाने वाली संपत्तियों को जब्त या ध्वस्त किया जा सकता है। मंत्रिमंडल बैठक के बाद भाजपा विधायकों की बैठक हुई।

    इसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों में अंतर नजर आना चाहिए। सदन में जनता से जुड़े मुद्दे उठाने के साथ ही सरकार के फैसलों को भी बताया जाए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में भाजपा सरकारों ने अवैध मतांतरण रोकने के लिए कानून बनाए हैं।

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