12वीं की किताब में कांग्रेस के 'महिमामंडन' पर राजस्थान में विवाद, सरकार ने पढ़ाने पर लगाई रोक; लेखकों पर लगेगा प्रतिबंध
राजस्थान में 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास को लेकर विवाद हो गया है। पुस्तक में पं. जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस प्रधानमंत्रियों का प्रमुखता से उल्लेख है जबकि नरेन्द्र मोदी की जानकारी कम है। शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने पुस्तक को पढ़ाने पर रोक लगा दी है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल द्वारा 'आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास' शीर्षक से लगभग पांच लाख पुस्तकें 19,700 स्कूलों में वितरित की गई हैं। जब पुस्तकें स्कूलों में पहुंचीं तो इसमें छपे तथ्यों को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
पुस्तक में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस सरकार के अन्य प्रधानमंत्रियों का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है, जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जानकारी कम दी गई है। पुस्तक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी उल्लेख है, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को प्राथमिकता नहीं दी गई है।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर नाराज हुए
भाजपा नेताओं की शिकायत के बाद राज्य के शिक्षामंत्री मदन दिलावर नाराज हो गए हैं। उन्होंने पुस्तक को पढ़ाने पर रोक लगा दी। अब नई पुस्तकें छपवाकर स्कूलों में वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पुस्तक में लोकतंत्र की हत्या करने वालों की गाथाएं हैं। उधर, मंत्री की नाराजगी के बाद शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। पुस्तक के लेखकों पर प्रतिबंध लगाने की भी तैयारी की जा रही है।
इस बीच, शिक्षा विभाग का कहना है कि पुस्तक में दी गई जानकारी पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से ही पढ़ाई जा रही थी। पूरे प्रकरण पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पुस्तक में सही तथ्य छापे गए हैं। कांग्रेस के नेताओं ने ही आजादी के आंदोलन में भाग लिया था। भाजपा हमेशा से ही लोकतंत्र की हत्या करती रही है।
स्वातंत्रता सेनानियों को लिखा आतंकी
- बंगाल के विद्यासागर विश्वविद्यालय में स्नातक परीक्षा में इतिहास के प्रश्नपत्र में स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकी कहे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। प्रश्न के तौर पर ब्रिटिश जमाने के मेदिनीपुर के उन तीन जिलाधिकारियों के नाम बताने को कहा गया है, जिनकी आतंकियों ने हत्या की थी। शिक्षाविदों के एक वर्ग ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है।
- उनका कहना है कि बार्ज, पेडी व डगलस ब्रिटिश जमाने के अत्याचारी जिलाधिकारी थे, जिन्हें बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों ने मारा था। उन्हें आतंकी कहना अनुचित है। दूसरी तरफ विवि प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए दो अध्यापकों को हटा दिया है। विवि के कुलपति दीपक कुमार कर ने कहा, 'गलत अनुवाद के कारण ऐसा हुआ है। हम इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।
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