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    Rajasthan: कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर न्यायिक कर्मचारियों की रैली, आंदोलन पर उतरे 20 हजार कर्मचारी

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    राजस्थान में न्यायिक कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर आंदोलन अजमेर में तेज हो गया है। जिला न्यायिक कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से कैडर पुनर्गठन और वेतन विसंगतियों के समाधान जैसी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

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    न्यायिक कर्मचारियों का आंदोलन कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर अजमेर में प्रदर्शन। (फोटो- जेएनएन)

    जेएनएन, अजमेर। राजस्थान में न्यायिक कर्मचारियों द्वारा कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने मंगलवार को अजमेर में जोर पकड़ा। जिला न्यायिक कर्मचारी संघ, अजमेर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सामूहिक रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जताई।

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    संघ के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह ने मीडिया को बताया कि 19 जुलाई से राज्यभर के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं और आंदोलन कर रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि राजस्थान के करीब 20 हजार कर्मचारी इस मांग को लेकर आन्दोलनरत हैं, लेकिन सरकार अब तक चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की असंवेदनशीलता के चलते प्रदेशाध्यक्ष सहित कई पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं, फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

    न्यायिक कार्य हो रहा प्रभावित

    आंदोलन का सीधा असर न्यायिक प्रक्रिया पर पड़ रहा है। पहले से ही अदालतों में मामलों का भारी बोझ है, और अब कर्मचारियों की हड़ताल से मामलों का निपटारा और अधिक धीमा हो गया है। कभी वकीलों की हड़ताल, तो कभी न्यायिक कर्मचारियों के आंदोलन के चलते न्यायिक प्रक्रिया बार-बार बाधित हो रही है, जिससे पीड़ित पक्षों की त्वरित न्याय की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं।

    कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

    न्यायिक कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से कैडर पुनर्गठन, वेतन विसंगतियों के समाधान, पदोन्नति की नीति और कार्य स्थितियों में सुधार जैसी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बार-बार ज्ञापन देने और वार्ताओं के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

    प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

    कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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