'CMHO नहीं कर सकता डॉक्टर को APO, सक्षम अधिकारी ही लेंगे फैसला', राजस्थान HC का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) किसी चिकित्सक को एपीओ नहीं कर सकते। न्यायाधीश रेखा बोराणा की एकलपीठ ने डॉ. रमेश चंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। डॉ. चंद्र को सीएमएचओ पाली द्वारा एपीओ किया गया था। न्यायालय ने कहा कि एपीओ आदेश केवल सक्षम अधिकारी द्वारा ही जारी किया जा सकता है।

जेएनएन, जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) किसी चिकित्सक को एपीओ (अवेटिंग पोस्टिंग ऑर्डर) नहीं कर सकते। न्यायालय ने यह व्यवस्था देते हुए कहा कि किसी भी कार्मिक का एपीओ आदेश केवल सक्षम अधिकारी के जरिए ही जारी किया जा सकता है।
न्यायाधीश रेखा बोराणा की एकलपीठ ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमेश चंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बड़ा फैसला सुनाया। मामला पाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बूसी (रानी ब्लॉक) के इंचार्ज डॉ. रमेश चंद्र से जुड़ा है। उन्हें 6 जून 2025 को सीएमएचओ , पाली द्वारा एपीओ कर दिया गया था और उनका मुख्यालय संयुक्त निदेशक, जोधपुर तय किया गया था।
महिला ने डॉक्टर को दी थी धमकी
डॉ. चंद्र के अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करते हुए बताया कि डॉ. चंद्र साल 2013 से चिकित्सा अधिकारी पद पर कार्यरत हैं और वर्तमान में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के रूप में सीएचसी बूसी के इंचार्ज हैं। पूरा विवाद 5 जून 2025 की रात 11 बजे का है। जिसमें एक महिला अचानक बुसी सीएचसी पहुंची और खुद को मरीज बताते हुए ब्लड प्रेशर जांचने और ड्रिप लगाने का दबाव बनाने लगी।
जिस पर डॉ. चंद्रा ने उसकी जांच की। जिसमें उन्होंने पाया कि वह पूरी तरह से ठीक है और उसे किसी इंजेक्शन या ड्रिप की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद महिला ड्रिप लगाने पर अड़ी रही। इतना ही नहीं, उसने डॉक्टर को ऐसा न करने पर 'नौकरी करके भूल जाने' जैसी धमकी भी देनी शुरू कर दी। इसके साथ ही उसने खुद को किसी राजनीतिक दल की स्थानीय पूर्व पार्षद भी बताया।
झूठी शिकायत कर लगाए आरोप
- यह पूरी घटना उस समय अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थी। इसके बाद महिला अगले दिन सीएमएचओ, झूठी शिकायत पर एपीओ करने का पाली के पास पहुंची। उसने उस समय ड्रिप न चढ़ाने की घटना को लेकर एक झूठी लिखित शिकायत दी।
- इसी को आधार मानकर सीएमएचओ , पाली ने 6 जून 2025 को डॉ. रमेश चंद्र को एपीओ कर दिया। वहीं डॉ चंद्र ने इसे अंसवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद उनके केस पर सुनवाई हुई।
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