राजस्थान : पीड़ित की गुहार- ऐसी जगह भेज दो, जहां कोई नहीं पहचाने
परिवार ने कहा कि सरकार पीड़ित दंपती को सरकारी नौकरी दें और उनको यहां से ऐसी जगह विस्थापित करवा दे जहां उनको कोई नहीं पहचान सके।
जयपुर [जागरण संवाददाता]। अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़ित दंपती का परिवार लगातार हो रही बदनामी से परेशान हो गया है। परिवार अब अपने गांव से विस्थापित होना चाहता है । पीड़ित परिवार के लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह उसे ऐसी जगह भेज दे, जहां उसे कोई न पहचान सके।
परिवार ने कहा कि सरकार पीड़ित दंपती को सरकारी नौकरी दें और उनको यहां से ऐसी जगह विस्थापित करवा दे, जहां उनको कोई नहीं पहचान सके। उनका मानना है कि ऐसा होने से वह अपने जीवन को शांति से जी सकते हैं। परिवार राज्य के बाहर जाने को भी तैयार है। गौरतलब है कि मामले में जब से सियासत शुरू हुई है, पीड़ित के गांव में राजनेताओं का आना-जाना बदस्तूर जारी है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
पीड़ित परिवार ने थानागाजी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पीड़िता के पति को रात पर जबरन थाने में बैठाए रखा और आरोपितों की गिरफ्तारी के कोई प्रयास नहीं किए। यही नहीं, पुलिस आरोपितों के ठिकाने पर बैठ कर पीड़ित पक्ष को भी वहीं बुलाती थी । परिजनों ने तत्कालीन थाना अधिकारी की आरोपितों से मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया है।
वारदात के बाद आरोपितों ने फिर बुलाया था पीड़िता को
पीड़िता ने पुलिस में दिए बयान में कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद आरोपितों के हौसले इस कदर बढ़ गए थे कि उन्होंने 28 अप्रैल को उसके पति को फोन कर उसको दोबारा उनके पास लाने के लिए दबाव बनाया था।
इसके साथ ही 10 हजार रुपये की मांग भी की थी और रकम न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी थी। पीड़िता की सास ने कहा की उन्हें तब शांति मिलेगी जब आरोपियों को फांसी दी जाएगी। तब ही उन्हें असली न्याय मिल पाएगा। गौरतलब है इस मामले में लापरवाही बरतने वाले थानाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। अलवर के एसपी को हटाने के साथ ही थाने के कई पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
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