Move to Jagran APP

अलवर की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बनी कांस्टेबल

Alwar Case में सरकार ने पीड़िता को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। उसी के तहत राजस्थान कैबिनेट ने पीड़िता को पुलिस में नौकरी देने का फैसला लिया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 29 May 2019 12:36 PM (IST)
अलवर की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बनी कांस्टेबल
अलवर की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता बनी कांस्टेबल

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में अलवर जिले के थानागाजी की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बना दिया गया है। गहलोत कैबिनेट ने उसकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। जल्द ही पीड़िता को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा। राज्य सरकार ने हाल ही में पीड़िता को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।

loksabha election banner

सरकारी ऐलान के बाद ही पीड़िता को पुलिस कांस्टेबल बनाने का निर्णय लिया गया। अब अशोक गहलोत कैबिनेट ने इसे अमली जामा पहना दिया है। कैबिनेट ने सर्कुलेशन से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पीड़िता को कांस्टेबल बनाने के निर्णय के बाद एक सप्ताह पहले ही गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने सचिवालय में विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इससे संबंधित तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं। वित्त और विधि विभाग से मंजूरी मिलने के बाद फाइल को कैबिनेट के पास भेजा दिया गया था।

कैबिनेट ने सर्कुलेशन से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस ने सभी छह आरोपितों के खिलाफ अलवर जिला विशिष्ट न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। कोर्ट मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर प्रतिदिन सुनवाई कर रही है।

सोमवार को दर्ज हुआ था पीड़िता का बयान
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है। मामले को लेकर कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही है। सोमवार की सुबह अलवर विशिष्ट न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज किए गए थे। वहीं, आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी हुई। इस मामले में पुलिस ने 10 दिन के भीतर अपनी जांच पूरी कर 18 मई को आरोपितों के खिलाफ विशिष्ट न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट अलवर में 30 पेज की चार्जशीट पेश कर दी थी।

आरोपियों द्वारा बनाया गया वीडियो है सबसे सुबूत
पुलिस ने चार्जशीट के साथ ही करीब 500 पेज के अन्य दस्तावेज भी सलंग्न किए गए हैं। चार्जशीट में वारदात से लेकर अब तक एकत्र किए गए सभी साक्ष्यों को कोर्ट के सामने रखा गया है। चार्जशीट में मौके पर आरोपितों के द्वारा बनाई गई वीडियो और आरोपित छोटेलाल के द्वारा पीड़िता के पति से किए गए वार्तालाप को भी शामिल किया गया। इसमें 10 हजार रुपये मांगने और धमकी देने का विवरण भी शामिल है। माना जा रहा है कि आरोपियों द्वारा बनाया गया वीडियो ही इस मामले में सबसे बड़ा सुबूत है।

सामूहिक दुष्कर्म से राजनीतिक भूचाल
लोकसभा चुनाव के दौरान 26 अप्रैल को सामूहिक दुष्कर्म की ये वारदात हुई थी। वारदात वाले दिन आरोपितों में से अशोक और महेश ने दंपत्ति को सड़क पर रोका था। उसके बाद दोनों ने अपने साथियों को बुलाकर विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान आरोपितों ने घटनाक्रम का वीडियो बनाया था। बाद में उस वीडियो को वायरल कर दिया। शुरू में पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज नही की थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आए इस मामले को लेकर राज्य और केंद्र की राजनीति में खासा भूचाल आ गया था। इस मामले को लेकर अलवर से जयपुर और दिल्ली तक राजनीति हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीड़िता से मुलाकात करके गए थे।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.