झालावाड़ के किसान की दरियादिली, बच्चों की शिक्षा के लिए दिया पुश्तैनी घर; खुद खेत में बनाई झोपड़ी
राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल भवन ढहने से हुई त्रासदी के बाद किसान मोर सिंह ने बच्चों की शिक्षा के लिए अपना पुश्तैनी घर और खेत दान कर दिए। जब तक सरकार नया स्कूल नहीं बनाती तब तक कक्षाएं उनके घर में लगेंगी और उनका परिवार तिरपाल की झोपड़ी में रहेगा। कलेक्टर ने मोर सिंह की इस अनूठी पहल की सराहना की है जिससे बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में हाल ही में एक सरकारी स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने से सात बच्चों की मृत्यु और कई अन्य घायल हो गए थे। इस घटना के बाद सरकार ने नए स्कूल भवन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है। इस संकट के समय में गांव के किसान मोर सिंह ने एक अनूठी मिसाल पेश की है।
उन्होंने अपने पुश्तैनी घर और खेत को बच्चों की शिक्षा के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मोर सिंह ने कहा कि जब तक सरकार नया स्कूल भवन नहीं बनाती, तब तक स्कूल उनके घर में संचालित होगा और वह अपने परिवार के साथ खेत में तिरपाल की झोपड़ी में रहेंगे। मोर सिंह ने बताया कि गांव के बच्चों का जीवन और शिक्षा महत्वपूर्ण है, इस सोच के तहत उन्होंने अपने परिवार से विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया।
मोर सिंह ने बच्चों के भविष्य के लिए फैसला
पिछले महीने वर्षा के दौरान स्कूल भवन के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने के बाद ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं थे, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। मोर सिंह ने कहा कि उनके परिवार ने सोचा कि इस स्थिति में बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
कलेक्टर ने मोर सिंह की पहल को सराहा
कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने मोर सिंह की पहल की सराहना की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके घर में अस्थाई रूप से स्कूल संचालित किया जा रहा है और शिक्षक ग्रामीणों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने नए स्कूल भवन के लिए 10 बीघा जमीन और एक करोड़ आठ लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।
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