राजस्थान में खांसी की दवा पीने से बच्चे की मौत, अन्य चार बीमार
बच्चे के परिजनों का आरोप है कि इस दवा के सेवन से बच्चे की जान गई। इस मामले में बच्चे के चाचा ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रदेश के दवा नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि डेक्सट्रोमेथारफन हाइड्रोब्रोमाइड सीरप पर रोक लगा दी गई है और इसके विभिन्न बैच के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में राज्य सरकार द्वारा निश्शुल्क वितरित की जाने वाली खांसी की दवा (सीरप - डेक्सट्रोमेथारफन हाइड्रोब्रोमाइड) पीने से पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चा सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव का निवासी था।
बच्चे के परिजनों का आरोप है कि इस दवा के सेवन से बच्चे की जान गई। इस मामले में बच्चे के चाचा ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। प्रदेश के दवा नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि डेक्सट्रोमेथारफन हाइड्रोब्रोमाइड सीरप पर रोक लगा दी गई है और इसके विभिन्न बैच के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।
कैसे बिगड़ी बच्चे की तबीयत
उल्लेखनीय है कि सीकर जिले में ही रविवार को दो अन्य बच्चे भी गंभीर रूप से बीमार हो गए। मंडा हाथी देह का गांव के तीन वर्षीय किट्टू और डेढ़ वर्षीय रिंकू को पिछले कुछ दिनों से खांसी थी। उनके परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक से संपर्क किया, जिन्होंने बच्चों को सरकारी दवा दी। दवा लेने के बाद दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसके पहले, शनिवार को भरतपुर में भी दो बच्चे खांसी की दवा पीने से गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। उनका भी इलाज जयपुर के जेके लोन अस्पताल में चल रहा है। यह घटना कलसादा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित है। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. ताराचंद योगी ने भी दवा का सेवन किया, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। इसी तरह 108 और 104 एंबुलेंस के दो ड्राइवरों ने भी दवा पीकर देखी, जिससे वे चक्कर और बेहोशी की हालत में आ गए।
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