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    कहीं बारिश, कहीं बर्फबारी, कहीं उफान पर नदियां... ठंड आने से पहले आसमान से बरस रही आफत

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 07:12 AM (IST)

    पश्चिमी विक्षोभ के चलते पंजाब हरियाणा दिल्ली यूपी और राजस्थान में बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। धान की फसल खेतों में बिछ गई है और गन्ना और आलू की फसल पर भी असर पड़ा है। मौसम विभाग ने कई जगहों पर अलर्ट जारी किया है। बिहार में कोसी समेत कई नदियां उफान पर हैं जिससे कई गांव प्रभावित हुए हैं।

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    कहीं आरेंज तो कहीं के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण टीम, नई दिल्ली। मानसून की वापसी के बाद नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई राज्यों में हो रही वर्षा आफत बनकर आई है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में वर्षा से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

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    खेतों में खड़ी धान की फसल बिछ गई है तो गन्ना और आलू की फसल पर भी असर पड़ा है। मौसम विभाग ने कहीं आरेंज तो कहीं के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हल्की से मध्यम वर्षा, गरज के साथ छींटे और तेज हवाओं के साथ ओले पड़ने का भी अनुमान है।

    एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है

    स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत के मुताबिक, मौसम में इस बदलाव की मुख्य रूप से दो वजहें हैं। पहला- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं चल रही हैं। इनके टकराने से जगह-जगह वर्षा हो रही है। दूसरा, सेंट्रल पाकिस्तान और पंजाब की ओर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है, जो उत्तर भारत के राज्यों में वर्षा और पहाड़ों पर बर्फबारी का कारण बना है।

    राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में रविवार देर रात शुरू हुई वर्षा सोमवार को भी जारी रही। पश्चिमी उप्र के कुछ जिलों में सोमवार को वर्षा, वज्रपात के साथ ही ओलावृष्टि हुई। मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा और बिजनौर में दोपहर बाद से रुक-रुककर वर्षा शुरू हो गई। मुरादाबाद के बिलारी में बिजली गिरने से खेत में काम कर रही महिला समेत दो की मौत हो गई। बरेली में वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर ओले भी पड़े।

    बिहार में कई नदियां उफान पर

    मेरठ, लखनऊ व आसपास भी शाम को हल्की वर्षा हुई। बिहार में बीते दो-तीन दिनों तक हुई वर्षा से कई नदियां उफान पर हैं। कोसी, कमला बलान, जीवछ तथा कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी है। खगडि़या के बलतारा में कोसी खतरे के निशान को पार कर गई है। पानी बढ़ने से मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड के पिहवाड़ा में धौंस नदी का तटबंध टूट गया है। इससे बाढ़ का पानी आधा दर्जन गांवों में प्रवेश कर गया।

    इससे करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित हो गई। सुगौली से रक्सौल जाने वाली मुख्य सड़क का एक हिस्सा धंस गया है। बेतिया (पश्चिम चंपारण) में बाढ़ से 18 गांव की 25 हजार आबादी प्रभावित है। करीब 25 हजार एकड़ में धान और गन्ने की खेती को क्षति पहुंची है। शिवहर के तरियानी छपरा में भी बांध में रिसाव हो रहा हैं। सीतामढ़ी में बाढ़ से 14 गांव व करीब 65 हजार की आबादी प्रभावित है। दरभंगा में बाढ़ से 18 गांव और लगभग 36 हजार की आबादी प्रभावित है। यहां नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।

    गंगोत्री और यमुनोत्री की चोटियां बर्फ से लकदक

    खगड़िया के बलतारा में कोसी खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पंजाब के कई जिलों में वर्षा होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वर्षा के कारण जहां धान की कटाई पर असर पड़ा है, वहीं मंडियों में आई धान की फसल भीग गई है। सबसे ज्यादा 41.5 मिलीमीटर वर्षा पठानकोट में दर्ज की गई। राजस्थान में बीकानेर, कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हुई।

    चित्तौड़गढ़ के भैंसरोडगढ़ में पूर्वी राजस्थान में सबसे अधिक 100 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि हनुमानगढ़ के रावतसर में राज्य के पश्चिमी भाग में 67 मिमी बारिश हुई। बदरी-केदार धाम में सीजन का पहला हिमपातपर्वतीय राज्य उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा जारी है। सोमवार को बदरीनाथ-केदारनाथ समेत ज्यादातर ऊंची चोटियों पर शीतकाल का पहला हिमपात हुआ। गंगोत्री और यमुनोत्री की चोटियां भी बर्फ से लकदक हो गईं। हेमकुंड साहिब में करीब आधा फीट बर्फबारी हुई है।

    वर्षा व हिमपात से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर में दिसंबर जैसी सर्दी पड़ने लगी है। हिमाचल में अधिकतम तापमान में 19 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। रोहतांग दर्रे में वाहनों की आवाजाही बंद रही। जम्मू-कश्मीर में गुलमर्ग समेत विभिन्न उच्चपर्वतीय पहाड़ों पर बर्फबारी और जम्मू व श्रीनगर सहित निचले क्षेत्रों में वर्षा का दौरे दूसरे दिन भी जारी रहा। कटड़ा में माता वैष्णो देवी के यात्रा पर बैटरी कार मार्ग पर भूस्खलन हुआ है, हालांकि यात्रा बंद थी।

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