लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे ने खोला सुविधाओं का पिटारा
रेलवे बोर्ड के आला अफसरों ने चुनिंदा प्रेस ब्रीफिंग में पूरी धनबाद-चंद्रपुर लाइन को फिर से यातायात के लिए खोले जाने के निर्णय की जानकारी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावों का असर रेलवे पर भी दिखने लगा है। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले रेलवे में तमाम ऐसी सुविधाओं की बाढ़ आ गई है जिन्हें देने में रेलवे वाले अक्सर नियमों के नाम पर ना-नुकुर करते रहते हैं। इनमें ट्रेनों के स्टॉपेज और मार्ग विस्तार से लेकर नई ट्रेनों का संचालन तक शामिल है। और तो और झारखंड में डेढ़ वर्ष से बंद पड़ी धनबाद-चंद्रपुरा लाइन को भी सुरक्षित घोषित कर यातायात के लिए खोलने का एलान कर दिया गया है।
आम तौर पर ट्रेनो के स्टॉपेज की मांग को रेलवे में ये कह कर खारिज कर दिया जाता है कि हर अतिरिक्त स्टॉपेज से रेलवे को 45 लाख का नुकसान होता है। मगर अब अचानक 'अस्थायी' और 'प्रायोगिक' कहते हुए छह महीने के लिए एक दर्जन ट्रेनों के स्टॉपेज बढ़ाने का एलान किया गया है। चुनाव के बाद इन्हें समाप्त भी किया जा सकता है।
सोमवार को उत्तर रेलवे ने कई ट्रेनों के फेरों के साथ मार्ग विस्तार का ऐलान किया। ये ट्रेने उन 22 ट्रेनों का हिस्सा हैं जिनके मार्ग विस्तार का ऐलान पिछले दिनो रेल मंत्रालय ने किया था। आम तौर पर इस तरह के कार्य पूरे साल होते रहते हैं।
फिर चालू होगी पूरी धनबाद-चंद्रपुर लाइन
इस बीच झारखंड में कुछ ट्रेनों के संचालन का भी ऐलान भी लिया गया है। इनमें आधी बंद धनबाद-चंद्रपुर लाइन से गुजरने वाली ट्रेने शामिल हैं। इस लाइन को अब पूरा खोलने का निर्णय लिया गया है। भूमिगत आग के कारण इस लाइन को जून, 2017 में यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। लेकिन राजनीतिक बवाल के बाद नवंबर, 17 में इसके 22 किलोमीटर के हिस्से को पुन: चालू कर दिया गया था। लेकिन कटरास-सोनाडीह का 12 किमी का हिस्सा तब भी बंद रहा। अब उसे भी यातायात के लिए खोला जा रहा है। इसके लिए खान महानिदेशक और मुख्य रेलवे संरक्षा आयुक्त दोनो ने हरी झंडी दे दी है। जबकि खान महानिदेशक ने ही इस लाइन को 'असुरक्षित' बताते हुए यातायात बंद करने को कहा था।
मंगलवार को रेलवे बोर्ड के आला अफसरों ने चुनिंदा प्रेस ब्रीफिंग में पूरी धनबाद-चंद्रपुर लाइन को फिर से यातायात के लिए खोले जाने के निर्णय की जानकारी दी। सदस्य, यातायात गिरीश पिल्लई तथा सदस्य, इंजीनियरिंग विश्वेश चौबे ने बताया कि इस लाइन पर मालगाडि़यों का संचालन तो जल्द ही शुरू हो जाएगा। जबकि यात्री गाडि़यां ट्रैक, सिगनल व टेलीकॉम तथा ओएचई के कुछ कार्यो को पूरा करने के बाद 20 फरवरी तक चलाई जाएंगी। इनमें तकरीबन बीस मेल/एक्सप्रेस तथा छह पैसेंजर गाडि़यां शामिल हैं। इस लाइन के खुलने से दिल्ली-हावड़ा रूट पर भी यात्री यातायात में आसानी होगी। इससे गोमोह में ट्रेनों का रिवर्सल भी बंद होने के साथ कोयले की ढुलाई भी बढ़ेगी।