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    भारत से कम या ज्यादा, पाकिस्तान-श्रीलंका में कितना है रेल किराया? अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी जानकारी

    रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को नसीहत दी। रेल मंत्री ने कहा कि भारत में रेल किराया पड़ोसी देशों की तुनला में काफी कम है। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे और रक्षा पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 सालों में पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरियां दी गई हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल भ्रम फैला रहा है।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Tue, 18 Mar 2025 03:55 PM (IST)
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    भारत में रेल किराया पाकिस्तान और श्रीलंका से भी कम। (फोटो- पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को रेलवे और रक्षा पर राजनीति से परहेज करने और भ्रामक बयान से बचने की नसीहत देते हुए दावा किया कि रेलवे में पिछले एक दशक के दौरान पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरियां दी गई हैं। साथ ही वर्तमान में एक लाख नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है।

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    उन्होंने कहा कि रक्षा एवं रेलवे मंत्रालय देश की जीवनरेखा और रीढ़ की हड्डी हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में सोमवार को चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि विपक्ष का आरोप है कि रेलवे में भर्तियां नहीं हुई हैं जो 'भ्रामक' है।

    भारत में रेल किराया कम

    उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में रेल किराया कम है। प्रथम 350 किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से देखें तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया सिर्फ 121 रुपये है। पाकिस्तान में 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है। पश्चिमी देशों में रेल किराया तो भारत की अपेक्षा 10-20 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से रेल किराए में वृद्धि नहीं हुई है।

    रेल मंत्री ने गिनाईं कई उपलब्धियां

    वैष्णव ने रेलवे की उपलब्धियां भी गिनाई। कहा कि माल ढुलाई की क्षमता में अभी रेलवे सिर्फ चीन और अमेरिका से पीछे है। जल्द ही 1.6 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता के साथ तीन शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा। रेलमंत्री ने विपक्ष के उस आरोप को नकार दिया, जिसमें जनरल डिब्बों की संख्या घटाने और रेल किराया बढ़ाने की बात थी। उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई से कमाता है और यात्रियों को सब्सिडी देता है।

    उन्होंने दावा किया कि प्रति यात्री लागत प्रति किलोमीटर 1.38 रुपये है जबकि यात्रियों से सिर्फ 72 पैसे ही लिए जाते हैं। वर्ष लगभग 2023-24 में 57 हजार करोड़ रुपए यात्री सब्सिडी के रूप में दिए गए। आम लोगों का ख्याल करते हुए अनारक्षित एवं गैर-वातानुकूलित डिब्बे बढ़ाए जा रहे हैं। अभी गैर-वातानुकूलित एवं वातानुकूलित डिब्बों की संख्या 70:30 के अनुपात में है।

    रेलवे तैयार कर रहा 17 हजार डिब्बे

    रेलवे 17 हजार से अधिक गैर-वातानुकूलित डिब्बे तैयार कर रहा है, जिन्हें विभिन्न ट्रेनों में लगाया जाएगा।रेलमंत्री ने विपक्ष शासित राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से मदद मांगी। रेलवे भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए कहा कि रेलवे की 40 प्रतिशत कार्य क्षमता युवा है। उन्होंने कहा कि अभी रेलवे में 12 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें पांच लाख ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति पिछले दस वर्षों में की गई है।

    भारत कर रहा लोकोमोटिव का निर्यात

    रेलमंत्री ने बताया कि बिहार के मढौरा कारखाने में बने लोकोमोटिव का निर्यात जल्द शुरू होगा। इस वर्ष 1,400 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। पैसेंजर कोच बांग्लादेश और श्रीलंका निर्यात किए जा रहे हैं।

    उन्होंने बताया किलोकोमोटिव भी श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश को जा रहे हैं। बोगी के अंडर-फ्रेम यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब, फ्रांस और आस्ट्रेलिया को और प्रपल्शन पा‌र्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को निर्यात किए जा रहे हैं।

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