नागपुर की तर्ज पर संवरेगा ग्वालियर का नौरोगेज म्यूजियम, सिंधिया के बाद रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने किया निरीक्षण
ग्वालियर के तानसेन रोड स्थित नैरोगेज म्यूजियम का जल्द ही जीर्णोद्धार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निरीक्षण के बाद अब रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने भी इसका दौरा किया है। इसे नागपुर के नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिसमें बच्चों के लिए टॉय ट्रेन, हेरिटेज कोच, डिजिटल डिस्प्ले, फोटो गैलरी और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं होंगी।

ग्वालियर का नैरोगेज म्यूजियम संवरेगा। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्वालियर के तानसेन रोड पर स्थित नैरोगेज म्यूजियम को संवारने का काम जल्द शुरू हो सकता है। कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री ज्योदिरादित्य सिंधिया ने इस म्यूजियम का निरीक्षण किया था। वहीं, अब रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेरिटेज आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर हेरिटेज राजेश कुमार ने भी म्यूजियम का दौरा किया है।
बीजेपी नेता सुधीर गुप्ता ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार को ज्ञापन सौंपा है। इस म्यूजियम को नागपुर के नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर बनाने का आग्रह किया गया था।
रेलवे बोर्ड ने क्या कहा?
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए म्यूजियम का निरीक्षण किया है। एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशिमा मेहरोत्रा ने नैरोगेज हेरिटेज संग्रहालय के साथ ही लोको शेड का भी निरीक्षण किया। आशिमा मेहरोत्रा के अनुसार, इस हेरिटेज बिल्डिंग को रेनोवेशन की जरूरत है। इसे संग्रहालय के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए बिल्डिंग में संचालित होने वाले एडीईएन, एडीईई तथा एसीएम आफिस को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
क्या हो सकते हैं बदलाव?
सिंधिया स्टेट के दौर में 1885 में निर्मित नैरोगेज म्यूजियम ऐतिहासिक महत्व रखता है। हेरिटेज बिल्डिंग के पास जीर्ण-शीर्ण क्वार्टर को हटाकर वहां म्यूजियम का विस्तार किया जा सकता है। पर्यटक स्थल की तरह यह विस्तार नागपुर नैरोगेज हेरिटेज म्यूजियम की तरह होगा।
- इसमें बच्चों की टाय ट्रेन चलाने का भी विकल्प रखा जा सकता है।
- सिंधिया स्टेट के हेरिटेज सैलून कोच, इंजन तथा नैरोगेज ट्रेन से संबंधित सभी उपकरण को यहां शोकेस किया जा सकता है।
- डिजिटल स्क्रीन और आडियो विजुअल के माध्यम से रेलवे हेरिटेज नैरोगेज ट्रेन का इतिहास दिखाने की भी संभावना है।
- संग्रहालय को ऐतिहासिक रूप देने के साथ ही यहां फोटो गैलरी और कैफेटेरिया का भी निर्माण किया जा सकता है।
बोर्ड को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
नैरोगेज म्यूजियम के अलावा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने घोसीपुरा से लेकर मोतीझील तक नैरोगेज ट्रैक का भी निरीक्षण किया। काफी समय से ग्वालियर में नैरोगेज हेरिटेज ट्रेन चलाने की मांग की जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने इसका भी गहनता से सर्वे किया है। हालांकि, अभी इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को सौंपी जाएगी।
कई अधिकारी रहे मौजूद
निरीक्षण के दौरान आशिमा मेहरोत्रा और राजेश कुमार के अलावा प्रयागराज से मुख्य चल शक्ति अभियंता आरडी मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा, स्टेशन डायरेक्टर वीके भारद्वाज एवं प्रयागराज समेत झांसी के कई अधिकारी भी शामिल थे।
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