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    अब ट्रेन में सफर के साथ मिलेगा आपके शहर का स्वाद, स्थानीय व्यंजन को मिलेगी तरजीह; रेलवे का बड़ा फैसला

    Updated: Wed, 02 Apr 2025 11:46 PM (IST)

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि पूरे देश में ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे। दक्षिणी रेलवे में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। वंदे भारत ट्रेनों में दक्षिण भारतीय व्यंजनों की मांग को लेकर द्रमुक सांसद ने सवाल उठाया था। इसके अलावा मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर में 2066 किमी ट्रैक पर ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली लगाई जा चुकी है।

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    भारतीय रेलवे ट्रेनों में यात्रियों को स्थानीय व्यंजन परोसने की योजना बना रहा है। (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में द्रमुक सांसद सुमति थमिझाची थंगापंडियनन के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पूरे देश में अधिक ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन उपलब्ध होंगे, जो उस क्षेत्र पर निर्भर करेगा जहां से वे गुजर रही हैं। इस संबंध में दक्षिणी रेलवे के तहत एक महत्वपूर्ण प्रयोग शुरू किया गया है।

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    थंगापंडियनन ने अनुरोध किया था कि तमिलनाडु में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में दक्षिण भारतीय व्यंजन भी उपलब्ध होने चाहिए। थंगापंडियनन ने यह भी जिक्र किया कि चूंकि पेंट्री कर्मचारी मुख्य रूप से हिंदी बोलते हैं, इससे यात्रियों के लिए अपनी जरूरतों के बारे में संवाद करना मुश्किल हो रहा है।

    लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने यात्रियों को स्थानीय व्यंजन परोसे जाने को सुनिश्चित करने के लिए दक्षिणी रेलवे में एक महत्वपूर्ण प्रयोग किया है। उन्होंने कहा, ''अधिक से अधिक ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे। यह कार्यक्रम पूरे देश के लिए होगा। जो भी ट्रेन किसी विशेष क्षेत्र से गुजरेगी, वहां के व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे। रेलवे अब यात्रियों को उस व्यंजन का आनंददायक अनुभव देने की कोशिश कर रहा है, चाहे वह पूर्वी, पश्चिमी, उत्तर या दक्षिण की ओर हो..यह एक सतत सुधार प्रक्रिया है जिसे हम अपना रहे हैं।''

    '2,066 किलोमीटर रूट पर ट्रैकसाइड कवच बिछाया गया'

    रेल मंत्री वैष्णव ने यह भी कहा कि दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कारिडोर (लगभग 3,000 किलोमीटर रूट) पर कवच लगाने का काम प्रगति पर है और इन रूटों पर लगभग 2,066 किलोमीटर रूट पर ट्रैकसाइड का काम पूरा हो चुका है। कवच कार्यान्वयन के लिए धन की उपलब्धता पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद खलीलुर रहमान द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि अब तक कवच कार्यों पर उपयोग की गई धनराशि 1,950 करोड़ रुपये है।

    वैष्णव ने कहा, ''वर्ष 2024-25 के दौरान निधियों का आवंटन 1,112.57 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, वर्ष 2025-26 के दौरान कवच कार्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। आवश्यक धनराशि कार्यों की प्रगति के अनुसार उपलब्ध कराई जाती है।''

    जमीन खाली कराने के लिए दी जाएगी मोहलत

    वैष्णव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अद्रा स्टेशन पुनर्विकास के लिए चुनी गई जमीन खाली करने के लिए बेदखली नोटिस जारी होने से पहले लोगों को पर्याप्त समय दिया गया था। तृणमूल कांग्रेस के अरूप चक्रवर्ती ने अद्रा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर रहने वाले परिवारों और निवासियों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया था और इसका ब्योरा मांगा था।

    वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने तेलंगाना के काजीपेट में रेलवे विनिर्माण इकाई विकसित करने के लिए 521.36 करोड़ रुपये में से 282.1 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह विभिन्न प्रकार के आधुनिक रोलिंग स्टॉक का निर्माण और रखरखाव करने में सक्षम होगा। काजीपेट को एक अलग रेल डिवीजन के रूप में स्थापित करने की लंबे समय से लंबित सार्वजनिक मांग को उठाते हुए कांग्रेस सांसद कदियम काव्या ने तेलंगाना में काजीपेट रेलवे वैगन विनिर्माण इकाई सहित चल रही रेलवे परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में सवाल किया था।

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