'अब तो उम्मीद भी...' बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में राहुल गांधी की एंट्री; राष्ट्रपति को पत्र लिख की ये मांग
बंगाल के शिक्षकों भर्ती रद होने के बाद बीजेपी लगातार ममता सरकार पर हमलावर है। पिछले दिनों सीएम ममता में उन छात्रों से मुलाकात की थी जिन्होंने अपनी नौकरी गंवाई है। हालांकि छात्रों ने इसके लॉलीपॉप बताया था। अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को उठाया है। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से हस्तक्षेप करने की बात मांग की है।
एजेंसी, नई दिल्ली। बंगाल में शिक्षकों की भर्ती रद होने का मामला अब गरमाता जा रहा है। जहां एक ओर बीजेपी ममता सरकार पर हमलवार है। दूसरी ओर इस मुद्दे पर आज राहुल गांधी ने भी अपनी बातों को रखा। राहुल गांधी ने इस प्रकरण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को पश्चिम बंगाल में स्कूल शिक्षक के रूप में काम करने की अनुमति दी जाए।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे राष्ट्रपति मुर्मु को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद किए जाने के बाद अपनी नौकरी खो दी है।
I have written to the Honourable President of India, Smt. Droupadi Murmu ji, seeking her kind intervention in the matter of thousands of qualified school teachers in West Bengal who have lost their jobs following the judiciary's cancellation of the teacher recruitment process.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2025
I… pic.twitter.com/VEbf6jbY2F
राहुल गांधी ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की अपील
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आपको अच्छा लगेगा; मैं पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद किए जाने के कारण अपनी नौकरी खो दी है। प्रभावित शिक्षकों के मंच शिक्षक शिक्षा अधिकार मंच (IX-X) के प्रतिनिधिमंडल ने मुझे मामले से अवगत कराया और विशेष रूप से अनुरोध किया कि मैं आपको पत्र लिखूं। उनके प्रतिनिधित्व की एक प्रति संलग्न है।
उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती में गंभीर अनियमितताएं पाईं और पूरी प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया। 3 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। फैसले के बाद से शिक्षकों और साथ ही बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों ने किसी भी तरह के समाधान की उम्मीद लगभग छोड़ दी है।
'अपराधियों को कठघरे में लाया जाना चाहिए'
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दोनों फैसलों में पाया गया कि कुछ उम्मीदवार बेदाग थे और निष्पक्ष तरीकों से चुने गए और कुछ दागी थे, जो अनुचित तरीकों से चुने गए थे।
राहुल गांधी ने कहा,
दागी और बेदाग दोनों तरह के शिक्षकों ने अपनी नौकरी खो दी है। भर्ती के दौरान किए गए किसी भी अपराध की निंदा की जानी चाहिए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि, निष्पक्ष तरीकों से चुने गए शिक्षकों के साथ दागी शिक्षकों के बराबर व्यवहार करना एक गंभीर अन्याय है।
लाखों छात्रों की पढ़ाई पर होगा असर
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि बेदाग शिक्षकों को नौकरी से निकालने के कारण लाखों छात्र बिना पर्याप्त शिक्षकों के कक्षाओं में जाने को मजबूर होंगे। उनकी मनमानी बर्खास्तगी से उनका मनोबल और सेवा करने की प्रेरणा नष्ट हो जाएगी और उनके परिवारों को अक्सर आय का एकमात्र स्रोत से वंचित होना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे यकीन है कि आप इस अन्याय की भारी मानवीय कीमत समझती हैं, शिक्षकों, उनके परिवारों और उनके छात्रों के साथ। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया उनके अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करें और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
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