सुब्रमण्यम ने लिखा गृहमंत्री को पत्र, तमिलनाडु में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
मुख्यमंत्री जयललिता केे स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपति शासन की वकालत की है।
चेन्नई (एएनआई)। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के खराब स्वास्थ्य को वजह बताकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। स्वामी के मुताबिक प्रदेश में कानून व्यवस्था बेकाबू हो चुकी है। यहां मदुरई, कन्याकुमारी, रामनाथपुरम जैसे कई जिलों में आईएसआईएस के स्लीपर सेल सक्रिय हो गए हैं। वहीं लिट्टे के खात्में के बाद अब यह दूसरा मौका है जब उसी के जैसे कई नक्सली और अन्य समूह सक्रिय हो गए है। जो कि राज्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
स्वामी ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 356 को लागू करके विधानसभा को भंग कर देना चाहिए और राज्य के साउथ के जिलों में स्पेशल आर्म फोर्स को छह महीने के लिए तैनात कर देना चाहिए, जब तक प्रदेश की मुख्यमंत्री ठीक होकर कामकाज संभालने के लायक नहीं हो जाती हैं। स्वामी के मुताबिक अपोलो अस्पताल द्वारा जयललिता की भर्ती रहने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। ऐसे में भारत सरकार को राज्य की कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले लेना चाहिए।
उधर, कांग्रेस के उपाध्यक्ष, राहुल गांधी शुक्रवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का हाल पूछने चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल पहुंचे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बताया कि जयललिता जी के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
बता दें कि गत 22 सितंबर से बुखार और डीहाइड्रेशन की शिकायत पर जयललिता को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्यमंत्री की खराब तबियत को लेकर पूरा तमिलनाडु चिंतित है। यहां तक कि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मद्रास हाइकोर्ट में जयललिता के सेहत संबंधित जानकारी देने की मांग करते हुए याचिका डाली थी जिसे गुरुवार को खारिज कर दिया गया।
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