जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण सहमति बनी है। इसका आने वाले दिनों में व्यापक असर हो सकता है। इन देशों के प्रतिनिधियों के बीच हाल ही में नई दिल्ली में हुई बैठक में सहमति बनी कि आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और दूसरी अत्याधुनिक तकनीक को लेकर आपस में सहयोग किया जाएगा ताकि भविष्य में साइबर सुरक्षा को लेकर घेरा मजबूत हो सके।
चीन को लेकर साइबर सुरक्षा पर जोर
इन देशों की तरफ से किसी देश का नाम तो नहीं लिया गया है, लेकिन इनकी साइबर सुरक्षा व्यवस्था मुख्य तौर पर चीन और रूस को ध्यान में रख कर बनाई जा रही है। माना जाता है कि इन दोनो देशों की सरकारें अपने रणनीतिक हितों के लिए साइबर हमले का सहारा लेती हैं। क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने की भी घोषणा की है।
क्वाड देशों के बीच सप्लाई चेन पर चर्चा
क्वाड देशों के बीच सप्लाई चेन को लेकर भी बात हुई है ताकि देश के रणनीतिक हालात के लिए जरूरी सेक्टर को सूचना प्रोद्योगिकी और आपरेशनल टेक्नोलाजी की आपूर्ति को लेकर रोडमैप बनाया जा सके। कोरोना के बाद जिस तरह से चीन आधारित सप्लाई चेन की जगह वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की मांग उठी है उसे देखते हुए क्वाड की इस बैठक की खास अहमियत हो गई है।
मई 2023 में क्वाड शिखर बैठक
माना जा रहा है कि मई 2023 में क्वाड शिखर बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा। क्वाड देश 6जी तकनीक के विकास को लेकर अभी से सहयोग स्थापित करना चाहते हैं। साइबर हमले के रोकथाम को लेकर क्वाड के चारों देश व्यापक अभियान की शुरुआत भी करने जा रहे हैं।