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खरीफ फसलों की खरीद शुरू; 518 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य, केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश

हरियाणा और पंजाब में धान और मोटे अनाज वाली फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है। इस बार खाद्य मंत्रालय ने 518 लाख टन चावल और 13.71 लाख टन मोटे अनाज की सरकारी खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 06:40 PM (IST)
खरीफ फसलों की खरीद शुरू; 518 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य, केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश
सरकार ने धान और मोटे अनाज वाली फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। खरीफ मार्केटिंग सीजन में अनाज की खरीद चालू हो गई है। राज्य हरियाणा और पंजाब में धान और मोटे अनाज वाली फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है। हालांकि यहां की मंडियों में धान की आवक सितंबर के आखिरी सप्ताह में शुरु हो गई थी। खाद्य मंत्रालय ने इस बार 518 लाख टन चावल और 13.71 लाख टन मोटे अनाज की सरकारी खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में खाद्यान्न का पुराना स्टॉक भी पड़ा हुआ है।

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मोटे अनाज की खरीद को प्रोत्साहन देने का निर्देश

केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय की अध्यक्षता में राज्यों के खाद्य सचिवों की हुई बैठक में खरीफ फसलों की खरीद की तैयारियों का जायजा लिया गया। इसी दौरान चावल के साथ मोटे अनाज की खरीद को प्रोत्साहन देने का निर्देश भी दिया गया। पिछले खरीफ सीजन में कुल 6.30 लाख टन मोटे अनाज वाली फसलों की खरीद की गई थी, जिसे इस बार दोगुना से भी अधिक कर दिया गया है।

गोदामों में पर्याप्त खाद्यान्न का भंडार

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि उसके गोदामों में खाद्यान्न का पर्याप्त है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले अनाज और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लिए अनाज की आपूर्ति में कोई अड़चन पेश नहीं आएगी।

केंद्रीय पूल में 113 लाख टन गेहूं और 236 लाख टन चावल का होगा स्टॉक

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि जारी जरूरतों को पूरा करने के बाद एक अप्रैल 2023 को केंद्रीय पूल में 113 लाख टन गेहूं और 236 लाख टन चावल का स्टॉक होगा। खाद्यान्न का यह स्टॉक निर्धारित बफर स्टॉक के मानक 75 लाख टन गेहूं औकर 136 लाख टन चावल के मुकाबले अधिक होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह पीएमजीकेएवाई को तीन महीने के विस्तार के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। यह योजना अब दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी, जिस पर कुल 44,762 करोड़ रुपए की व्यय होगा।

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