पुणे रोड रेज: हमलावरों ने तोड़ी कार की खिड़की, युवती की आंख में धंसा कांच; सर्जरी के बावजूद नहीं लौटी रोशनी
महाराष्ट्र के पुणे में रोड रेज की घटना में 28 वर्षीय पूजा गुप्ता की आंख में कांच लगने से गंभीर चोट आई। बाइक सवारों ने कार पर पत्थर फेंके, जिससे कांच ट ...और पढ़ें
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पूजा की इमरजेंसी कॉर्नियोस्क्लेरल रिपेयर सर्जरी हुई है। (फोटो सोर्स- X)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे के कटरज-देहू रोड बायपास पर एक मामूली सी रगड़ ने रोड रेज का ऐसा भयानक चेहरा दिखाया कि मुंबई की 28 साल की एचआर प्रोफेशनल पूजा गुप्ता की बाईं आंख गंभीर रूप से घायल हो गई। तीन बाइक सवारों ने कार का पीछा कर पत्थर मारे और शीशे तोड़ डाले, जिससे टूटे कांच का टुकड़ा आंख में घुस गया।
सर्जरी के बावजूद उनके आंखों की रोशनी नहीं लौटी और डॉक्टर दूसरी सर्जरी की बात कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों को सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया, जिससे पीड़िता नाराज है।
घटना 6 दिसंबर की है। पूजा गुप्ता चेंबूर की रहने वाली हैं और एक कंपनी में एचआर का काम करती हैं। वह अपने मंगेतर के साथ उनकी कार से पुणे के गायकवाड़नगर, पुनावले में मंगेतर के माता-पिता से मिलने गई थीं। वापसी में मुंबई लौटते वक्त यह हादसा हुआ।
विवाद कैसे भड़का?
रास्ते में ओवरटेक करने के दौरान कार का टायर एक बाइक सवार के पैर पर चढ़ गया। पैर में कोई चोट नहीं आई, लेकिन इससे तीनों बाइक सवारों और दंपती के बीच बहस हो गई। आरोपियों ने गाली-गलौज की और एक ने कार के सामने वाले विंडस्क्रीन पर पत्थर दे मारा, जिससे शीशा टूट गया।
इसके बाद डर के मारे मंगेतर ने गाड़ी आगे बढ़ाई, लेकिन पुनावले अंडरपास के पास ट्रैफिक जाम में कार फंस गई। हमलावर बाइक से पीछा करते हुए पहुंच गए और कार के बाकी शीशे तोड़ डाले, जिसमें रियर विंडस्क्रीन भी शामिल था। इसी दौरान टूटे कांच का एक टुकड़ा पूजा की बाईं आंख में घुस गया।
सर्जरी के बाद भी हालात काबू में नहीं
पूजा को फौरन चिंचवड़ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने इमरजेंसी कॉर्नियोस्क्लेरल रिपेयर सर्जरी की ताकि आंख की रोशनी बचाई जा सके। लेकिन ऑपरेशन के एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी नजर वापस नहीं आई है।
पूजा ने बताया कि डॉक्टरों ने शुरू में कहा था कि एक सर्जरी से काम चल सकता है, लेकिन आगाह किया था कि अगर सुधार न हुआ तो दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। आंख के अंदर खून जमा होने की वजह से वे पूरी तरह नजर लौटने की गारंटी नहीं दे पा रहे।
पुलिस पर पीड़िता का गुस्सा
पुलिस ने एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 125 और 125(ए) (लापरवाही से जान या सुरक्षा को खतरा पैदा करना), 324(4) (उपद्रव) और 352 (शांति भंग करने की नीयत से अपमान) के तहत दर्ज की। तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया, लेकिन प्रक्रिया के तहत नोटिस देकर छोड़ दिया गया।
पूजा इससे बेहद नाराज हैं। उन्होंने पुलिस से हत्या की कोशिश की धारा लगाने की मांग की थी, जो नहीं की गई। उनका कहना है कि इतनी गंभीर चोट पहुंचाने के बावजूद आरोपियों को घर भेज दिया गया। वे चाहती हैं कि सख्त सजा हो ताकि ऐसे लोग आगे किसी को नुकसान पहुंचाने से पहले सोचें।

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