ISRO ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, EMISAT का सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि PSLVC45 अब 485 किलोमीटर ऑर्बिट की ओर बढ़ रहा है। मैं मिशन को सफल बनाने के लिए टीम को धन्यवाद देता हूं।
चेन्नई, प्रेट्र। इसरो ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। इसरो ने बताया कि एमिसैट के साथ-साथ अन्य देशों की 28 सैटेलाइट्स भी अलग-अलग कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इससे पहले पीएसएलवी C-45 ने इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट एमिसैट को सन सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस उपग्रह एमिसैट को पीएसएलवी C-45 से इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। बता दें कि इसरो का यह पहला ऐसा मिशन है, जो तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटेलाइट्स को स्थापित करेगा। पीएसएलवी C-45 के जरिए जो सैटेलाइट्स लॉन्च किए गई हैं, उनमें सबसे महत्वपूर्ण है EMISAT यानी इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट है। यह डीआरडीओ को डिफेंस रिसर्च में मदद करेगा। एमिसैट उपग्रह का मकसद विद्युत चुंबकीय माप लेना है।
इसरो के चेयरमैन के सिवन ने इस मौके पर कहा कि PSLVC45 अब 485 किलोमीटर ऑर्बिट की ओर बढ़ रहा है। मैं मिशन को सफल बनाने के लिए टीम को धन्यवाद देता हूं।
वहीं, इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा कि PSLVC45 इसरो के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे अपने सैटेलाइट, बल्कि अन्य देशों के भी लॉन्च करने जा रहा है। इस मिशन की विशिष्टता है कि यह सैटेलाइट्स को 3 अलग-अलग कक्षाओं में रखने जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह हमेशा की तरह सौ फीसद सफल रहेगा।
ये भी पढ़ें- इसरो फिर रचने जा रहा इतिहास, लांच होगा पीएसएलवी-सी45, जानें खासियत
इसरो के मुताबिक अबकी बार लॉन्च के लिए चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल संस्करण का उपयोग किया जा रहा है। पीएसएलवी का उपयोग भारत के दो प्रमुख मिशनों में किया जा चुका है। 2008 में चंद्रयान में और 2013 में मंगल मिशन में। बताया जा रहा है कि EMISAT सैटेलाइट की खासियत है कि यह दुश्मन के इलाकों का सही इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने की त्रुटिहीन जानकारी देगा। इसके साथ ही दुश्मन के इलाके में मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की भी सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।
#WATCH live from Sriharikota: ISRO's #PSLVC45 lifts off from Satish Dhawan Space Centre, carrying EMISAT & 28 customer satellites on board. https://t.co/ia5WKcp9lR — ANI (@ANI) April 1, 2019
एमिसैट के अलावा इसरो ने रॉकेट के जरिए दूसरे देशों के भी 28 सैटेलाइट्स को भी लॉन्च किया है। इनमें अमेरिका के 24, लिथुआनिया का 1, स्पेन का 1 और स्विट्जरलैंड का 1 सैटेलाइट शामिल हैं।
इसरो का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसे आम लोगों की मौजूदगी में लॉन्च किया गया है। इसके लिए इसरो ने एक गैलरी तैयार की है, जिसमें 5,000 लोग बैठ सकेंगे। इस गैलरी से दो लॉन्च पैड दिखाई देते हैं।
इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुबह छह बजकर 27 मिनट पर शुरू हो गई थी। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि चार चरणों वाला पीएसएलवी-सी45 श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से सोमवार सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा।
गौरतलब है कि इसरो के अध्यक्ष के. सिवान ने पहले कहा था, 'यह हमारे लिए विशेष मिशन है। हम चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स के साथ एक पीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल करेंगे। इसके अलावा पहली बार हम तीन अलग-अलग ऊंचाई पर रॉकेट के जरिए ऑर्बिट में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।'