इसरो फिर रचने जा रहा इतिहास, लांच होगा पीएसएलवी-सी45, जानें खासियत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुबह छह बजकर 27 मिनट पर शुरू हो गई थी।
चेन्नई, प्रेट्र। श्रीहरिकोटा से भारत के एमिसैट (ईएमआइएसएटी) उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए रविवार को 27 घंटों की उल्टी गिनती शुरू हो गई। सोमवार को एमिसैट के साथ ही 28 विदेशी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए जाएंगे।
पीएसएलवी-सी45 नामक इस मिशन के तहत पहली बार इसरो पृथ्वी की तीन कक्षाओं में उपग्रह स्थापित कर अंतरिक्ष संबंधी प्रयोग करेगा। एमिसैट उपग्रह का मकसद विद्युत चुंबकीय माप लेना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि प्रक्षेपण की उल्टी गिनती सुबह छह बजकर 27 मिनट पर शुरू हो गई थी। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि चार चरणों वाला पीएसएलवी-सी45 श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से सोमवार सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो के मुताबिक अबकी बार लांच के लिए चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स से लैस पीएसएलवी-क्यूएल संस्करण का उपयोग किया जा रहा है। बता दें कि पीएसएलवी का उपयोग भारत के दो प्रमुख मिशनों किया जा चुका है। 2008 में चंद्रयान में और 2013 में मंगल मिशन में।