'महात्मा गांधी मेरे परिवार से नहीं हैं, लेकिन...', मनरेगा का नाम बदलने पर लोकसभा में भड़कीं प्रियंका वाड्रा
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, मनरेगा को निरस्त करने वाले नए कानून का विरोध कर रही हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण भारत को ...और पढ़ें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा को निरस्त करने वाले नए कानून पर विपक्ष ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि यह अभियान पिछले 20 सालों से ग्रामीण भारत को रोजगार देने में और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने में मददगार रहा है।
प्रियंका गांधी के अनुसार, "यह इतना क्रांतिकारी कानून है कि, जब इसे बनाया गया तो सदन में मौजूद सभी दलों ने इसे सहमति दी थी। इसके कारण गरीब से गरीब लोगों को 100 दिन का रोजगार मिलता है।" योजना का नाम बदलने पर उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मेरे परिवार से नहीं हैं, लेकिन मेरे परिवार जैसे ही हैं और पूरे देश की यही भावना है।
73वें संविधान संशोधन के विपरीत: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, "मुझे नए कानून पर आपत्ति है, क्योंकि मनरेगा के तहत हमारे गरीब भाई-बहनों को मिलने वाले कानूनी गारंटी देना अनिवार्य होता है और इसकी मांग के अनुसार ही केंद्र सरकार पैसा आवंटित करती है। मगर, नए कानून में केंद्र सरकार पहले से बजट निर्धारित कर सकती है, जिससे संविधान के 73वें संशोधन (पंचायती राज) को नजरअंदाज किया जा रहा है।"
प्रियंका गांधी ने कहा-
ग्राम सभाओं का अधिकार कमजोर किया जा रहा है। हमारे संविधान की मूल भावना है कि हर व्यक्ति के हाथों में शक्ति होनी चाहिए। यही मूल भावना पंचायती राज में है और नया अधिनियम उसी मूल भावना का विरोध कर रहा है। इस विधेयक से रोजगार का कानूनी अधिकार कमजोर हो रहा है और यह संविधान के विपरीत है।
राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा भार: प्रियंका
प्रियंका गांधी का कहना है, "मनरेगा में 90 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार से आता था और नए विधेयक में कुछ राज्यों को सिर्फ 60 प्रतिशत अनुदान ही केंद्र की ओर से मिलेगा। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भार पड़ेगा। इस विधेयक के द्वारा केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जा रही है।"
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) पिछले 20 साल से ग्रामीण भारत को रोजगार देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सक्षम रहा है।
— Congress (@INCIndia) December 16, 2025
यह ऐसा क्रांतिकारी कानून है कि जब इसको बनाया गया तो सदन के सभी राजनीतिक दलों ने इससे सहमति जताई। इसके द्वारा गरीब से गरीब लोगों को 100… pic.twitter.com/xWqdeRqJIH
रोजगार के दिन बढ़े, लेकिन वेतन नहीं: प्रियंका
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि नए कानून में सरकार ने रोजगार के दिन को 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है, मगर मजदूरों का वेतन बढ़ोत्तरी की कोई बात नहीं है।"
प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "हर योजना का नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती। जब-जब यह किया जाता है, तो केंद्र सरकार को ही पैसे खर्च करने पड़ते हैं। बिना चर्चा और सदन की सलाह लिए जल्दी-जल्दी में विधेयक को पास नहीं होना चाहिए। सरकार को यह विधेयक वापस लेकर एक नया विधेयक पेश करना चाहिए।"
I would like to oppose the introduction of the proposed bill, the VB–G RAM G Bill, which represents a deeply regrettable and retrograde step for our nation and for our nation’s commitment to the welfare of its most vulnerable citizens.
— Congress (@INCIndia) December 16, 2025
My first objection, as with others, is the… pic.twitter.com/oUKoGulN4L
गांधी का नाम हटाना अनैतिक: शशि थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी योजना का नाम बदलने को लेकर सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है, "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम (मनरेगा) का नाम बदल दिया गया है। योजना में से महात्मा गांधी का नाम हटाना अनैतिक है।"
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